रवीन्द्र मिश्रा / मुंबई
तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य की ओर से गर्मी के दिनों में लगने वाली आग से बचने के लिए अभयारण्य के वन्य अधिकरियों द्वारा जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है ।1 फरवरी से शुरू हुआ यह अभियान 7 फरवरी तक चलाया जाएगा। तुंगारेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आए दर्शनार्थियों को संबोधित करते हुए तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य की रेंज अधिकारी राजश्री साल्वे ने कहा कि गर्मी के दिनों में अक्सर जंगलों में आग लगते देखा जाता है।
इस आग से वन्यजीव तथा पर्यावरण को खतरा बढ़ जाता है। आग से बचने के लिए वन्यजीव गांव की ओर भागते हैं। जिससे ग्रामीणों की जान माल का खतरा रहता है। इसलिए हम सभी का धर्म बनता है कि हम जंगल को जलने से बचाएं। इस अवसर पर राउंड फारेस्ट आफिसर अमोल आंग्रे ने लोगों से कहा कि वन्यजीव तथा पर्यावरण सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य बनता है। जब जंगल बचेगा तभी हमें जल मिलेगा। बिना जल के हम जीवित कैसे रह सकते हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि मार्च अप्रैल के महीने में गर्मी अधिक पड़ती है। पेड़ों के पत्ते सूख कर जमीन पर गिर जाते हैं। ऐसे में अगर कोई बीड़ी, सिगरेट पीकर जंगल में फेंकता है तो उससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इससे हमें बचना होगा। आंग्रे ने लोगों से अपील कर कहा कि अगर किसी को जंगल में आग दिखे तो वह वन्यजीव अभयारण्य के पोर्टल पर जाकर वन विभाग को उसकी सूचना दे, ताकि समय पर वन्यजीव प्राणियों की सुरक्षा हो सकें।
इस अवसर पर राउंड फारेस्ट आफिसर गणेश गोते, बिट अधिकारी सचिन पालमपल्ले, कैलाश वाघ, रवि कालोखे, सुगंधा उमतोल, अरुणा डगला सहित विभाग से संबंधित अन्य कर्मचारी तथा शिव भक्त भारी संख्या में उपस्थित थे।