-प्रयागराज से लौट कर अयोध्या व काशी दर्शन की लालसा संजोए श्रद्धालुओं की राह बना रहा कठिन
-जाम से ५-१० किमी तक लग रही वाहनों की लंबी कतार
विक्रम सिंह / सुलतानपुर
तीर्थराज प्रयाग में १४४ वर्षों के बाद आयोजित महाकुंभ में उमड़ रही श्रद्धालुओं की अथाह भीड़ अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर और काशी के विश्वनाथ का दर्शन भी लगे हाथ कर लेने को आतुर है। इन दोनों धर्मनगरी को प्रयागराज से जोड़ने वाले हाइवे पर लाखों श्रद्धालुओं का सप्ताह भर से लगा हुआ तांता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं अफसरों की अदूरदर्शिता और अकर्मण्यता का बड़ा उदाहरण सामने आया है सुलतानपुर जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाला लखनऊ-वाराणसी हाइवे पर स्थित हनुमानगंज का अधूरा रेलवे ओवरब्रिज! वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ यह ओवरब्रिज महाकुंभ श्रद्धालुओं की यात्रा को जटिल बना रहा है। इसी अधूरे पुल ने मौनी अमावस्या पर अमृतस्नान कर लौट रहे श्रद्धालुओं के संकट को दोगुना कर डाला। बस-कार और अन्य चारपहिया वाहनों पर प्रयागराज से लौटकर काशी विश्वनाथ दर्शन की मंशा लेकर निकले श्रद्धालुओं को हनुमानगंज की रेलवे क्रासिंग ने रोक दिया। ये रेलवे क्रासिंग प्रत्येक १५ मिनट पर ट्रेनों के आवागमन के कारण आधा-आधा घंटे तक ठप हो जाती है। हाइवे पर आवागमन ठप हो जाने से पांच-दस किलोमीटर तक वाहनों का लंबा जाम अभी भी हल्का होने का नाम नहीं ले पा रहा है। हजारों तीर्थयात्री तो इसी जाम में फंसकर घर के रहे न घाट के। आगे निकल सके न पीछे। स्नान पर्व की तिथि जाम खुलने के इंतजार में हाइवे पर ही गुजर गई।
ये है हनुमानगंज ओवरब्रिज अधूरे होने की वजह
लखनऊ-वाराणसी हाइवे को फोरलेन निर्मित हुए पांच वर्ष से अधिक बीत चुके हैं। बावजूद इस पर रेलवे ओवरब्रिज (पखरौली / हनुमानगंज) रेल मंत्रालय की लापरवाही से पूर्ण न हो सका। फोरलेन हाइवे बनाने वाली संस्था एनएचएआई ने रेलवे ओवरब्रिज पर अपने हिस्से के निर्माण को पूर्ण कर दिया। क्रासिंग के ऊपर शेष निर्माण रेल विभाग को करना था, जिसे उसने आज तक वर्षों बाद भी नहीं किया। हालांकि, सुलतानपुर के नागरिक व सामाजिक संगठन निरंतर इस बाबत आवाज उठाते रहे। गत वर्ष अक्टूबर में पूर्व जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्स्ना से रेल विभाग के अफसरों ने वादा भी किया कि १ जनवरी २०२५ तक आरओबी का संचालन शुरू हो जाएगा, लेकिन नतीजा शून्य निकला। महाकुंभ आयोजन में जुटी योगी सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजा व्यापक पैमाने पर इस रूट पर आवागमन कर रहे श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।