सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र सरकार जानबूझकर मुंबई के विकास की अनदेखी कर रही है और वित्तीय राजधानी मुंबई में महत्वपूर्ण परियोजनाओं और उद्योगों को गुजरात में स्थानांतरित किया जा रहा है। ऐसे शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा में जोरदार हमला बोला।
लोकसभा में बजट में चर्चा पर बोलते हुए उन्होंने सरकार से पूछा, `क्या सबका साथ, सबका विकास’ कहने वाली केंद्र सरकार के विकास में मुंबई शामिल नहीं है?’ उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि महत्वपूर्ण कंपनियों और परियोजनाओं को महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित करने के पीछे आखिर क्या राजनीति है। उन्होंने मुंबई में बीडीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना, वाढवण बंदरगाह मुद्दे और मुंबई-गोवा राजमार्ग में देरी को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। सावंत ने मुंबई में बीडीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना में देरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि शिवडी स्थित बीडीडी चॉल केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। राज्य सरकार ने पुनर्विकास के लिए प्रयास किया, लेकिन केंद्र ने पिछले दस वर्षों में अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद भाजपा सरकार सबके लिए आवास योजना का ढिंढोरा पीट रही है।
मुंबई-गोवा हाईवे का काम अधूरा
मुंबई-गोवा राजमार्ग में देरी की आलोचना करते हुए सावंत ने कहा कि पनवेल से माणगांव तक के हिस्से पर उतनी ही धनराशि खर्च की गई, जितनी चंद्रयान मिशन पर खर्च की गई थी, लेकिन राजमार्ग अभी भी अधूरा है। सरकार की ढीली योजना के कारण इस राजमार्ग का निर्माण पूरा हो पाएगा या नहीं, इस पर संदेह है।
मुंबई बंदरगाह उपेक्षित
सावंत ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मुंबई बंदरगाह के विकास पर ध्यान नहीं दे रही है, लेकिन सरकार वाढवण बंदरगाह परियोजना के विस्तार के प्रति आक्रामक है। उन्होंने कहा, `मुंबई ने ऐसा कौन सा अपराध किया है कि केंद्र सरकार अपना गुस्सा शहर पर निकाल रही है?’ गुजरात के लिए मुद्रा पोर्ट का विकास किया जा रहा है, लेकिन मुंबई पोर्ट की उपेक्षा क्यों की जा रही है?