सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई लाडली बहन योजना ईडी २.० के लिए गले की हड्डी बन गई है। योजना बीतते दिनों के साथ ही सरकार के सिरदर्द को बढ़ा रही है। हाल ही में सरकार ने आंगनवाड़ी सेविकाओं को कार वाली लाडली बहनों के घरों में जाकर सर्वे करने का काम सौंपा है। हालांकि, आंगनवाड़ी सेविकाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे मंजूर नहीं हो जाती हैं, तब तक वे घर-घर सर्वेक्षण का बहिष्कार करेंगी। तीन मार्च को मुंबई में विधानसभा घेरने की चेतावनी आंगनवाड़ी सेविका संगठन की ओर से दी गई है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग ढाई करोड़ महिलाओं को लाडली बहन योजना का लाभ मिल रहा है। इसमें मानदंडों को पूरा न करने वाली महिलाओं की संख्या अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। राज्य सरकार ने लाडली बहन योजना के मानदंडों पर खरी न उतरने वाली और जाली कागजातों के जरिए लाभ लेने वाली लाभार्थियों के आवेदनों की जांच शुरू कर दी है। जिन महिलाओं के परिवार में चार पहिया वाहन होगा, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसकी पड़ताल के लिए आंगनवाड़ी सेविकाएं घर-घर जाएंगी। अब इन्हीं सेविकाओं ने सरकार को चेतावनी दिया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तब तक वे सर्वे का काम नहीं करेंगी। इससे अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिरकार यह सर्वेक्षण वैâसे पूरा होगा।
अपनाया आक्रामक रुख
अमरावती में आंगनवाड़ी सेविकाओं ने आक्रामक रुख अपनाया है। अमरावती के महिला बाल विकास विभाग के मुख्यालय पर जिलेभर की हजारों आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोर्चा निकाला। इस दौरान महिला बाल कल्याण कार्यालय के सामने का रास्ता जाम कर दिया। साथ ही मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना का सर्वेक्षण का बहिष्कार करने की चेतावनी सेविकाओं ने दी। r
ये हैं मांगे
लाडली बहन योजना सर्वे के प्रति फॉर्म ५० रुपए मिले।
आंगनवाड़ी सेविकाओं को राज्य सरकार के कर्मचारी का दर्जा
और ग्रेच्युटी के साथ ही सभी भत्ते समय पर मिलें।
लाडली बहन योजना में किए गए काम का मेहनताना दिया जाए।
आंगनवाड़ी खोलने का समय पूरे जिले में एक समान हो।
सत्ता के लिए लाडली बहनों का इस्तेमाल- रोहित पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया है कि यह सरकार लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की संख्या धीरे-धीरे कम करने का पुरजोर प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने सत्ता हासिल करने के लिए लाडली बहनों के वोटों का इस्तेमाल किया है। रोहित पवार ने ट्वीट किया कि यह सरकार लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की संख्या धीरे-धीरे कम करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इसका मतलब है कि इस सरकार ने लाडली बहनों के वोटों का इस्तेमाल सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए किया है। इस प्रवृत्ति को हम क्या कहें? इस तरह का सवाल भी रोहित पवार ने उठाया है।