सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल नाराज हैं। मंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह के बाद से ही उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं। मुझे दरकिनार किया जाए या फेंका जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कितने ही मंत्री पद आए और गए, लेकिन छगन भुजबल खत्म नहीं हुआ है।
बता दें कि भुजबल लगातार उप मुख्यमंत्री अजीत पवार पर तीखा हमला बोला रहे हैं। अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिशें भी कीr हैं। अब छगन भुजबल ने खुलासा किया कि चार दिन पहले अजीत पवार ने उन्हें फोन किया था। मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या अजीत पवार गुट के नेताओं ने उनसे संपर्क किया? तो भुजबल ने जवाब दिया कि शिर्डी अधिवेशन के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने मुझे आने का अनुरोध किया था इसलिए मैं वहां गया था। चार दिन पहले अजीत दादा का भी मुझे फोन आया था। उन्होंने कहा कि मैं देर से फोन कर रहा हूं, इसके लिए खेद है। हमें एक बार बैठकर बात करनी चाहिए।
भुजबल ने ली चुटकी
जब उनसे पूछा गया कि अजीत पवार गुट की बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात क्यों की? तो भुजबल ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे मुख्यमंत्री से कुछ काम था, मैं उनसे मिलने गया। कोई कहता है कि मेरी नाराजगी कम हुई तो कोई कहता है कि बढ़ गई। इसे मापने के लिए थर्मामीटर लगाकर देखना पड़ेगा, तभी पता चलेगा कि नाराजगी कम हुई या ज्यादा। जब उनसे पूछा गया कि क्या अजीत पवार आपकी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि मैं क्या बताऊं।