-डोमिसाइल देखकर होगी पहचान
नीलम चौहान / मुंबई
महानगर मुंबई में पिछले कुछ वर्षों में फेरी वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है। मुंबई में फिलहाल फेरीवालों की संख्या लगभग ३.५ लाख के पार पहुंच गई है। इनमें बांग्लादेशी फेरीवालों की घुसपैठ तेजी से हुई है। सत्ताधारी दल के नेताओं की ही मानें तो मुंबई में फेरीवालों में बांग्लादेशियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। उधर मनपा एक्शन के नाम पर सिर्फ फेरीवालों को हटाने का दिखावा करती है। सख्त कार्रवाई नहीं होने की वजह से इनके हौसले बुलंद हैं। ऐसे में बांग्लादेशी फेरीवाले यहां बांद्रा से लेकर बोरीवली, कांदिवली, मालाड, जोगेश्वरी, दादर, चेंबूर, मानखुर्द, गोवंडी, वडाला जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में सड़क पर अपना धंधा लगा रहे हैं। कई ठिकानों पर तो इनके नाम भी बंगाली मार्किट के नाम से चर्चित हो गए हैं, जिन्हें रोकने में राज्य की महायुति सरकार की नाकामी सामने आई है। इसे गंभीरता से देखते हुए हाई कोर्ट ने अपना हंटर चलाया है।
मुंबई में अवैध बांग्लादेशी फेरीवालों पर नियंत्रण लगा पाने में राज्य की महायुति सरकार पूरी तरह से असफल है। इस मामले में राज्य सरकार की नाकामी खुलकर सामने आई है। बांग्लादेशी लोग यहां जगह-जगह फेरी लगाकर सामान बेच रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर दो-चार को पकड़कर खबरें छपवा दी जाती हैं। अब यह मामला मुंबई हाई कोर्ट पहुंच चुका है। हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए मुंबई में फेरीवालों के लिए डोमिसाइल अनिवार्य करने का आदेश दिया है।
अवैध रूप से महाराष्ट्र और मुंबई में रहते हुए ये फेरीवाले जमकर कमाई कर रहे हैं। फेरीवाले मुद्दे पर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि सभी फेरीवालों के पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट होना चाहिए और राज्य सरकार के पास उनकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। यह टिप्पणी मुंबई के अवैध फेरीवालों को हटाने में मुंबई मनपा और पुलिस की नाकामी पर सवाल उठानेवाली है। मनपा ने कोर्ट को सफाई देते हुए कहा कि फेरीवालों की सही पहचान के लिए टाउन वेडिंग कमेटी (टीवीसी) का चुनाव जरूरी है। २०१४ में लागू स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के तहत टीवीसी का गठन होना था, लेकिन पहली बार अगस्त २०२३ में चुनाव हुए। इनमें ३२,४१५ पंजीकृत फेरीवाले वोट देने के पात्र थे, जबकि आजाद हॉकर्स यूनियन ने दावा किया कि कम से कम ९९,००० विक्रेताओं को शामिल किया जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण मनपा को वोटों की गिनती पर रोक लगानी पड़ी। हाई कोर्ट ने भी पूछा कि फेरीवालों की संख्या इतनी कम वैâसे हो गई?
इसमें गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए कोर्ट ने कहा कि डोमिसाइल सर्टिफिकेट जरूरी है, ताकि बाहरी लोग बिना किसी नियंत्रण के कारोबार न कर सकें। इस मामले में जांच हो, ठेला वालों की भी जांच हो। हाई कोर्ट ने कहा कि मुंबई में अवैध फेरीवालों पर कार्रवाई मनपा को तेजी से करनी चाहिए।
ठेलेवालों की भी जांच हो
मुंबई में कई जगहों पर पुलिस व मनपा की कार्रवाई के बाद बांग्लादेशी हॉकर्स अब चालाक हो गए हैं। अब वे ठेले पर सामान रखकर बेच रहे हैं और पुलिस व मनपा के आते ही गलियों में घुसकर छिप जाते हैं। ऐसे में मनपा व पुलिस को इन ठेलेवालों की भी जांच करनी चाहिए।
कोई भी धंधा नहीं लगा सकता
एक मामले में सुनवाई के दौरान सख्ती दर्शाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी कहीं से भी आकर मुंबई में सड़क पर धंधा नहीं लगा सकता है। मुंबई में फेरीवाला बनने के लिए डोमिसाइल जरूरी है।
५० हजार बांग्लादेशी हॉकर्स
मुंबई में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी हॉकर्स मौजूद हैं। ये खुद को बंगाली तो बताते हैं, पर पश्चिम बंगाल का। इनके पास जाली दस्तावेज होते हैं। पर कड़ी पूछताछ में इनका असली चेहरा सामने आ जाता है। हाल ही में पुलिस ने ऐसे कई बांग्लादेशियों को पकड़ा है।