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दूध की ‘मलाई’ भी ‘खा’ जाएंगे अडानी! …‘आरे’ की मशीनें स्क्रैप में बेच रही है सरकार

मुंबई में तीनों प्लांट की जमीनें खाली करने का फरमान
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की ऐतिहासिक ‘आरे’ डेरी से किसी जमाने में ११ लाख लीटर दूध रोजाना मुंबईकरों को सप्लाई किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसे बंदी के कगार पर ला दिया गया। बंद तीनों ‘आरे’ प्लांट की जमीनों को अब सरकार बेचने के मूड में नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो आरे के गोरेगांव, कुर्ला और वर्ली डेरी प्लांट की जमीन की ‘मलाई’ अडानी को खिलाने के पक्ष में सरकार दिख रही है। इसीलिए सरकार ने इन तीनों प्लांट में पड़ी महंगी और कीमती मशीनों को  स्क्रैप में बेचने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने इन जमीनों की मशीनों को हटाकर उसे साफ करने का फरमान जारी किया है। सरकार के आदेश पर टेंडर जारी कर यहां की मशीनों को बेचे जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा आरे डेयरी में पड़ी पुरानी मशीनों की बिक्री किए जाने के बाद अब मुंबई की एक और ऐतिहासिक संस्था के अंतिम अवशेष मिटने के कगार पर हैं। बता दें कि अपने सुनहरे दौर में, गोरगांव, कुर्ला और वर्ली स्थित डेयरी यूनिट्स प्रतिदिन ११ लाख लीटर दूध की आपूर्ति करती थीं। लेकिन अब इनकी पहचान धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है।

सरकारी टेंडर दस्तावेजों में दूध पाश्चराइजेशन मशीन, क्रीम सेपरेटर मशीन या यहां तक कि एनर्जी ड्रिंक मशीन को भविष्य के लिए संरक्षित करने का कोई उल्लेख नहीं है।

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