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टिटवाला में राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने वाले आरोपी को वन विभाग ने धर दबोचा

सामना संवाददाता / टिटवाला

पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता की रक्षा के लिए वन्यजीव संरक्षण कानून लागू किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद जंगलों में शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राष्ट्रीय पक्षी मोर, जो भारतीय संस्कृति और प्रकृति का अहम प्रतीक है, उसके शिकार की घटना सामने आने से वन विभाग और स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया है।
टिटवाला के खड़वली जंगल में मोर का अवैध शिकार किए जाने की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई की। इस दौरान आरोपी गणेश फसाळे को गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी के दौरान वन विभाग ने उसके पास से मोर के पंख, कटा हुआ अंग और मांस (मटन) बरामद किया।
वन विभाग ने आरोपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत कोर्ट में पेश किया, जहां कल्याण कोर्ट ने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। वन विभाग अधिकारी आर.एन. चन्ने ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय पक्षी के शिकार को लेकर विभाग सख्त कदम उठा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
यह घटना वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति एक गंभीर चेतावनी है। इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासन को और कड़े कानूनों के साथ सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि भारत के समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके।

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