सामना संवाददाता / मुंबई
सेंचुरी मिल कामगार वसाहत हरिहर संत सेवा मंडल के तत्वाधान वर्ली मुंबई में विगत कई वर्षों की भाँति इस वर्ष भी संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का सुंदर आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी श्री श्री १००८ विनय स्वारूपानंद सरस्वती जी की अध्यक्षता में ६ फरवरी अपरान्ह ३ बजे सायं ७ बजे तक किया गया है। आज चौथे दिन प्रयागराज से पधारे वैष्णवाचार्य स्वामी अप्रमेय प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि मनुष्य को अपने जीवन में कर्तव्य का ही पालन करना चाहिए, अधिकार को पकड़ने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए। भरत जी ने अपने कर्तव्य का पालन किया, जिसका परिणाम हुआ अंत में भगवान श्री राम अयोध्या लौटे और सबको आनंद की प्राप्ति हुई चारों ओर मंगल हुआ और इसी के विपरीत दुर्योधन ने बार-बार अधिकार जमाने का प्रयत्न किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि महाभारत का भयानक युद्ध हुआ समस्त कौरवों का विनाश हो गया। इस कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी जबरदस्ती अधिकार लेना नहीं चाहिए। सदैव अपने कर्तव्यों का ही पालन करना चाहिए। यदि हम कर्तव्य का पालन करेंगे तो अधिकार स्वयमेव ही प्राप्त हो जाएगा।
आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गयी। उपस्थित भक्त वत्सल महिलाओं द्वारा जन्मोत्सव पर सुंदर सोहर भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर हरिहर संत सेवा मंडल के अध्यक्ष रजनीकांत दीक्षित, कानू मालुसरे, सुरेश राणे, दीपक राणे, पंडित करुणा शंकर मिश्रा समस्त पदाधिकारी गण व बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।