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बड़बोले सरकार की बोलती बंद!..प्रयागराज के सभी इंट्री प्वाइंट पर अघोषित रोक…प्रयागराज रेलवे स्टेशन बंद किया गया…अखिलेश बोले-टोल फ्री कर, आपातकालीन व्यवस्था की जाय

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

40 करोड़ श्रद्धालुओं के अनुमान और 100 करोड़ श्रद्धालुओं की तैयारी की हवा निकल गयी है। महाकुंभ को शुरू हुए 26 दिन हो चुके हैं और अब तक 42 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। प्रयागराज शहर और कुंभ मेला क्षेत्र के सभी एंट्री प्वाइंट बंद कर दिए गए हैं।लाखों श्रद्धालु जहां है वही थम गए हैं। भयंकर भीड़ और उतनी ही भयंकर बदइंतजामी है।
चश्मदीदों के अनुसार वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और रीवा से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की 20-20 किमी पैदल चलने के बाद भी कुंभ क्षेत्र में एंट्री नहीं हो रही। श्रद्धालुओं को जानकारी देने वाला कोई नहीं। किसी के पास कोई जानकारी नहीं कि कौन सा रास्ता खुलेगा और कब तक बंद रहेगा। आरोप है कि कुंभ में तैनात दो आईपीएसअधिकारियों ने पूरी व्यवस्था को अपनी निजी जागीर बना ली है। एंट्री प्वाइंट पर दरोगा सिपाही लेवल के पुलिस वाले तैनात हैं, जो केवल पुलिस अधिकारियों के प्रोटोकॉल युक्त वालों परिजनों को डायरेक्ट एंट्री दे रहे है। बाकी आम आदमी के लिए सब बंद है। माइक से ऐलान हो रहा है, जहां जो घाट दिखे वहीं स्नान करो और लौट जाओ। बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे सब बेहाल हैं। पानी पीने का तक की व्यवस्था अब फेल होती दिख रही है। सबसे नारकीय स्थिति नागवासुकी मंदिर के पास है। वहां बदइंतजामी सबसे चरम पर है। आम आदमी के लिए कुंभ क्षेत्र घुसना ही अब दिवा स्वप्न हो गया है। शासन स्तर पर कोई मॉनिटरिंग नहीं होने से पूरी मेला व्यवस्था ध्वस्त पड़ी है। महाकुंभ में वीकेंड भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र के पुलो पर प्रतिबंध लागू किया गया। जाम से लोग इतना परेशान हो गए हैं कि उनकी और पुलिस की कई जगहों पर नोंकझोंक तक हो गई है, साथ ही मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। अत्यधिक भीड़ से ध्वस्त हो गयी ट्रैफिक व्यवस्था के चलते डीजल-पैट्रोल जैसी आवश्यक सामग्री शहर के पैट्रोल पंपों तक पहुंचाने में पसीने छूट जा रहे हैं। हर किसी के जुबान पर यही चर्चा है कि मौनी अमावस्या की भगदड़ पर आस्था की लहर भारी पड़ गयी है।
प्रयागराज जंक्शन पर वन डायरेक्शन मूवमेंट लागू
महाकुंभ में आने वाले लोगों की बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए प्रयागराज जंक्शन पर अग्रिम आदेश तक वन डायरेक्शन मूवमेंट लागू रहेगा। रेलवे डिवीजन के पीआरओ अमित सिंह के मुताबिक, मुख्य स्नान पर्वों के दौरान की गई व्यवस्था के समान प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर एक पर शहर की तरफ से ही एंट्री की इजाजत होगी। वहीं एग्जिट सिविल लाइंस की तरफ से प्लेटफार्म नंबर 6 और 10 से होगा। पीआरओ अमित सिंह ने आगे बताया कि तीर्थयात्रियों को केवल कलर कोडेड टिकट के जरिए ही प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की इजाजत होगी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुये सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘प्रयागराज महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तुरंत आपातकालीन व्यवस्था की जाए। हर तरफ से जाम में भूखे, प्यासे, बेहाल और थके तीर्थयात्रियों को मानवीय दृष्टि से देखा जाए। आम श्रद्धालु क्या इंसान नहीं है? प्रयागराज में प्रवेश के लिए लखनऊ की तरफ़ 30 किमी पहले से ही नवाबगंज में जाम, रीवा रोड की तरफ़ से गौहनिया में 16 किमी पहले से जाम और वाराणसी की तरफ़ से 12 से 15 किमी के जाम के व ट्रेन के इंजन तक में भीड़ के प्रवेश कर जाने के समाचार हर जगह प्रकाशित हो रहे हैं। आम जन जीवन दूभर हो गया है। उप्र सरकार असफल हो चुकी है। वो अहंकार से भरे झूठे विज्ञापन में ही दिख रही है लेकिन सच में ज़मीन पर नदारद है।’ अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘महाकुंभ के अवसर पर उप्र में वाहनों को टोल मुक्त किया जाना चाहिए, इससे यात्रा की बाधा भी कम होगी और जाम का संकट भी। जब फिल्मों को मनोरंजन कर मुक्त किया जा सकता है तो महाकुंभ के महापर्व पर गाड़ियों को कर मुक्त क्यों नहीं?’”

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