मुख्यपृष्ठनए समाचारम्हाडा के बायोमेट्रिक सर्वेक्षण से अनधिकृत तरीके से ट्रांजिट कैंपों में रह...

म्हाडा के बायोमेट्रिक सर्वेक्षण से अनधिकृत तरीके से ट्रांजिट कैंपों में रह रहे लोगों में मचा हड़कंप!

राजेश जायसवाल / मुंबई
महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने मुंबई शहर और उपनगरों के ट्रांजिट कैंपों में बायोमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू किया है। प्रथम दिन, सहकार नगर, चेंबूर, ट्रांजिट कैंप के १९५ किराएदारों और निवासियों ने बायोमेट्रिक पंजीकरण प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की। म्हाडा मुंबई बिल्डिंग रिपेयर्स एंड रिडेवलपमेंट बोर्ड मुंबई और उसके उपनगरों में ३४ ट्रांजिट कैंपों की देखरेख करता है।

१३ सितंबर, २०१९ को जारी एक सरकारी प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य सरकार ने ट्रांजिट कैंप निवासियों को तीन श्रेणियों- ए, बी और सी में वर्गीकृत करना अनिवार्य कर दिया है। हाल ही में जारी एक अधिसूचना में सरकार ने ट्रांजिट कैंप के किराएदारों के बायोमेट्रिक सत्यापन का काम म्हाडा मुंबई बिल्डिंग रिपेयर्स एंड रिडेवलपमेंट बोर्ड को सौंपा है, ताकि उनके निवास की स्थिति को प्रमाणित किया जा सके। श्रेणी ए में मूल निवासी शामिल हैं, जिन्हें आधिकारिक तौर पर ट्रांजिट कैंपों में स्थानांतरित कर दिया गया है। श्रेणी बी में वे निवासी शामिल हैं जिन्होंने मूल किराएदार से पावर ऑफ अटॉर्नी या इसी तरह के कानूनी प्राधिकरण के माध्यम से किराएदारी अधिकार हासिल किए हैं। श्रेणी सी में वे अनधिकृत निवासी शामिल हैं, जिन्होंने बिना उचित प्रमाण के प्राधिकरण के ट्रांजिट कैम्पों पर कब्ज़ा कर लिया है।

बायोमेट्रिक सर्वेक्षण किरायेदारों के निवास रिकॉर्ड को उनके आधार कार्ड विवरणों की क्रॉस-चेकिंग करके और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण प्रणाली का उपयोग करके सत्यापित करेगा। इस प्रक्रिया के आधार पर, म्हाडा यह निर्धारित करेगा कि ट्रांजिट कैंप के निवासी अधिकृत या अनधिकृत निवासी हैं या नहीं। मौके पर एक अधिकारी ने कहा कि म्हाडा के सर्वेक्षण को रहिवासियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है, और उनकी भागीदारी लगातार बढ़ रही है। वहीं, इस सर्वेक्षण से अनधिकृत तरीके से ट्रांजिट कैंपों में रह रहे लोगों में हड़कंप मच गया है।

अन्य समाचार