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महाजाम में व्यवस्था धड़ाम …`रोड अरेस्ट’ के बाद `राशन जाम’!

स्थानीय लोगों को न आटा मिल रहा, न चावल
प्रयाग क्षेत्र में बढ़ सकता है खाद्यान्न संकट

पिछले कई दिनों से महाकुंभ में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। वाहनों का दबाव अधिक होने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई। महाकुंभ के महाजाम में व्यवस्था पूरी तरह से धड़ाम यानी चरमरा गई है। ऐसे में `रोड अरेस्ट’ के बाद अब `राशन जाम’ की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। प्रयागराज में कॉमर्शियल वाहनों का प्रवेश नहीं हो रहा है। ऐसे में दूध-ब्रेड और सब्जी की कमी है।
प्रयागराज में पांच दिन से लगातार कई-कई किलोमीटर लंबा भीषण जाम लगने से व्यवस्था चरमरा गई। हाईवे पर दो घंटे की दूरी दस घंटे में पूरी हो रही है। लाखों वाहन जाम में फंसे होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन जाम से निजात दिलाने में पूरी तरह से फेल नजर आया। शहर में मालवाहक वाहनों की एंट्री नहीं हो पा रही है। हालात बद से बदत्तर हो गए। पांच दिन से श्रद्धालुओं के वाहनों की कतार दस किमी तक लगी दिखी। श्रद्धालुओं के साथ-साथ शहर के लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। मेले में भी सप्लाई रुक गई है। यह सामान्य नहीं हुआ तो खाद्यान्न का संकट बढ़ सकता है। पेट्रोल पंपों पर भी पेट्रोल-डीजल की किल्लत देखी जा रही है। मंगलवार को भी श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य रही। शहर की प्रमुख गल्ला मंडी मुट्टीगंज में तमाम व्यापारियों के गोदाम से चीनी, आटा, मैदा, सूजी आदि का स्टॉक तकरीबन खत्म हो चुका है, जिनके यहां माल बचा भी है वह फुटकर दुकानों की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। २६ जनवरी के बाद से ही मालवाहक वाहनों की आवाजाही यहां बंद है।

‘कान पकड़ते हैं जीवन में कभी नहीं आएंगे’
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि महाकुंभ में ४० करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, लेकिन तैयारी १०० करोड़ लोगों के लिए की जा रही है।’ हालांकि, अब तक १०० करोड़ लोगों के वहां पहुंचने का आंकड़ा तो सरकार की तरफ से नहीं दिया गया, लेकिन जितनी भी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, उन्हें संभालने में प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं। यहां आए एक श्रद्धालु ने इस बदहाल व्यवस्था पर कहा कि अब कान पकड़ता हैं जीवन में कभी महाकुंभ नहीं आएंगे।

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