-६५० परिवारों को मिलेगा न्याय
सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा और पुलिस अधिकारियों के साथ ही बिल्डर ने पिछले साल गरीब परिवारों के सिर से छत को छीन लिया था। इसमें स्थानीय विधायक की भी लिप्तता थी। पवई के जय भीमनगर में स्थित झोपड़ों में घुसकर पुलिस वालों ने बच्चों-महिलाओं व बुजुर्गों को न केवल पीटा था, बल्कि वहां जबरन बुलडोजर भी चलाया था। इस गैरकानूनी कार्रवाई के बाद पिछड़े वर्ग के ६५० परिवार बेघर हो गए थे। इस मामले में मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद मनपा अधिकारियों, पुलिस व बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जय भीमनगर में २५ से ३० साल से करीब ६५० पिछड़े वर्ग के परिवार रह रहे थे। इसके बावजूद भारी बारिश के दौरान मनपा-एस विभाग के अधिकारियों, पवई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जितेंद्र सोनवणे समेत सैकड़ों पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने बिल्डर हीरानंदानी और स्थानीय विधायक के साथ मिलकर ६५० परिवारों को बेघर कर दिया। इसके बाद बिल्डर निरंजन हीरानंदानी ने अपने गुंडों का इस्तेमाल कर रातों-रात वहां चारों तरफ दीवारें खड़ी कर दीं और छह एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। बेघर हुए ६५० पिछड़े वर्ग के परिवार आज भी फुटपाथों पर खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं।
न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने फिर से न्यायालय में गुहार लगाई, जिसके बाद एसआईटी ने क्राइम ब्रांच के माध्यम से मनपा के उपायुक्त बिरादर, मनपा-एस विभाग के सहायक आयुक्त कसगीकर, मनपा अधिकारी आमिष बागडे समेत अन्य लोगों के खिलाफ १० फरवरी २०२५ को मामला दर्ज किया गया है।
हाई कोर्ट पहुंचा पीड़ित
इस बीच एक पीड़ित ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) की अगुवाई में एक एसआईटी गठित कर रिपोर्ट मांगी। एसआईटी ने गहन जांच कर रिपोर्ट पेश की। इसमें नियमों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात सामने आई। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय ने सभी संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
विपक्ष लड़ रहा है गरीबों की लड़ाई
विपक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लगातार इन बेघर परिवारों के साथ खड़े होकर यह लड़ाई जारी रखी। इसके तहत विपक्ष ने इन बेसहारा लोगों को साथ लेकर तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात कर संविधान की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घटना की जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की।