रामदिनेश यादव / मुंबई
राज्य की ‘ईडी’ २.० सरकार दो हाफ के सहारे चल रही है। ये हैं एकनाथ शिंदे और अजीत दादा पवार। इन दोनों की ही सीएम देवेंद्र फडणवीस से नहीं बन रही है। फडणवीस मनमाने फैसले ले रहे हैं इसलिए दोनों नाराज बताए जा रहे हैं। अब खबर है कि इन दोनों ‘हाफ’ ने मिलकर अपनी ‘फुल’ बैठकें शुरू कर दी हैं। वह भी कैबिनेट की मीटिंग से पहले इसलिए इसे ‘प्रॉक्सी वैâबिनेट’ भी कहा जा रहा है। इन बैठकों में फडणवीस के निर्णयों से निपटने और उन्हें घेरने की रणनीतियों पर भी चर्चा किए जाने की खबर है।
साफ है कि राज्य की ‘महायुति’ सरकार में शामिल भाजपा व दोनों गुटों में बात नहीं बन रही है। एक-दूसरे को दबाने की कोशिश जमकर की जा रही है। शिंदे को पछाड़कर सीएम बने फडणवीस हावी हो रहे हैं, जो शिंदे और अजीत दादा पवार को पसंद नहीं आ रहा है। ये दोनों नेता भले फडणवीस के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन दोनों फडणवीस से वरिष्ठ हैं। ऐसे में इन्हें दबाए जाने का दुख चरम पर है।
ये है नई चाल
फडणवीस हावी होने वाली टैक्टिस को जवाब देने के लिए अब शिंदे और दादा ने नई चाल चली है। सरकार में सीएम फडणवीस की वैâबिनेट बैठक से पहले शिंदे और अजीत पवार ने अपने-अपने दल के मंत्रियों की प्रॉक्सी वैâबिनेट बैठक लेकर चाल चल दी है।
‘प्रॉक्सी’ कैबिनेट का कमाल
फडणवीस के सात प्रस्ताव में
सिर्फ तीन हुए मंजूर!
राज्य सरकार में शामिल भाजपा व अन्य दो गुटों में मतभेद होने की खबरें तो आ ही रही हैं, अब यह मामला गंभीर मोड़ लेता नजर आ रहा है। खबर है कि सरकार की अधिकृत कैबिनेट मीटिंग से पहले दोनों गुटों ने अपने गुट की ‘प्रॉक्सी’ कैबिनेट मीटिंग कर ली है। इस बैठक में फडणवीस के कैबिनेट में आनेवाले प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देनी है, उस पर चर्चा हुई है। दूसरी तरफ फडणवीस ने जब कैबिनेट की बैठक ली तो उसमें फडणवीस के कई प्रस्ताव मंजूर नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, कल मुख्यमंत्री की कैबिनेट बैठक में ७ प्रस्ताव लाए गए, लेकिन मात्र तीन पर ही सहमति बन पाई।
साफ है कि शिंदे व दादा गुट ने अपनी प्रॉक्सी कैबिनेट शुरू करके फडणवीस की मनमानी पर भी एक प्रकार से दबाव बनाने का काम किया है। फडणवीस को करारा जवाब देने के लिए ही दो ‘हाफ’ की फुल बैठकें शुरू हो गई हैं।
फडणवीस की मनमानी पर लगानी है लगाम
यह सब सीएम फडणवीस की मनमानी के चलते शुरू हुआ है। फडणवीस अब तक बिना किसी मंत्री को पूर्व जानकारी दिए ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाते और सचिव के माध्यम से आनेवाले प्रस्ताव को बिना सोचे समझे मंत्रियों को सहमत होने को कहा जाता था। इससे शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के मंत्रियों में नाराजगी बढ़ने लगी।
‘प्रॉक्सी’ कैबिनेट में खुलकर होती है बात
शिंदे और अजीत पवार की अपने मंत्रियों पर पकड़ भी कमजोर होने लगी, जिसे देखकर इन दोनों ने सीएम के कैबिनेट से पहले अपनी प्रॉक्सी कैबिनेट शुरू कर दी। इन प्रॉक्सी कैबिनेट में उनके मंत्री खुलकर अपनी बातें कह रहे हैं। वे फडणवीस द्वारा अपने विभाग पर सचिवों के हस्तक्षेप से नाराजगी भी प्रकट कर रहे हैं।