-किसानों के लिए नियम बदलने पर लगाई फटकार
-राज्य सरकार को दो दिन में निर्णय लेने के निर्देश
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार की शुरू मनमानी को लेकर विपक्ष आए दिन उंगली उठा रहा है लेकिन सरकार है कि अपने आगे किसी की नहीं सुन रही है। ऐसे में हाईकोर्ट ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। किसानों को एफआरपी टुकड़ों में दिए जाने के मुद्दे पर मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और अगले दो दिनों के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कल स्वयं राज्य के महाधिवक्ता विसरेन सराफ बॉम्बे हाईकोर्ट में उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि एकमुश्त एफआरपी भुगतान के नियमों में बदलाव करना गलत है। किसानों को टुकड़ों में एफआरपी देना उचित नहीं है। गुरुवार को इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाया जाएगा।
स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के प्रमुख और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मांग की है कि अगर किसानों को टुकड़ों में एफआरपी दी जा रही है, तो सरकारी कर्मचारियों को भी तीन चरणों में वेतन लेना चाहिए। इस पत्र के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में दो हफ्तों में तीन बार सुनवाई हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एफआरपी भुगतान को टाल रही है, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका पर गंभीरता से विचार किया और अब दो हफ्तों में चार सुनवाई के बाद इस मामले को निपटाने की बात कही जा रही है।