मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
मायावती ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को बसपा से बाहर कर दिया है। राज्यसभा सांसद रहे सिद्धार्थ की डॉक्टर बेटी से मायावती के भतीजे आकाश की शादी हुई है। अशोक सिद्धार्थ के पिता बसपा संस्थापक कांशीराम जी के सहयोगी रहे हैं। इस संदर्भ में मायावती ने अपने एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए लिखा- बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ पूर्व सांसद व नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
गोमतीनगर के पॉस इलाके में रहने वाले अशोक सिद्धार्थ के बारे में कहा जाता है कि वह बसपा के ऐसे लो प्रोफाइल नेता हैं। वे पार्टी में पर्दे के पीछे रहकर काम करने को तवज्जो देते थे। चर्चाओं से हमेश दूर रहे हैं। उन्हें लंबे समय से मायावती के बेहद करीबी नेताओं में गिना जाता रहा है। मायावती की नजदीकी के कारण उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। मायावती ने उन्हें पहले एमएलसी बनाया।
इसके बाद वर्ष 2016 में राज्यसभा भेजा। वे वर्ष 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। सतीश चंद्र मिश्र के साथ बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। अशोक सिद्धार्थ दलित समुदाय से आते हैं। उनकी पत्नी मायावती शासनकाल के दौरान यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। पेशे से अशोक सिद्धार्थ डॉक्टर हैं। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की। महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से उन्होंने नेत्र रोग में डिप्लोमा किया है।डॉ. अशोक ने अपनी बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ की शादी दो साल पहले मायावती के भतीजे आकाश आनंद से की थी। प्रज्ञा भी मेडिकल फील्ड से जुड़ी हुई है। वह डॉक्टर हैं।सूत्रों की मानें तो मायावती ने अपने पुराने भरोसेमंद और रिश्तेदार पर पर ऐक्शन से पहले कई बार चेतावनी दिया था। पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ को उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी थी।