सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार और उसके बाद पालकमंत्रियों की नियुक्ति को लेकर महायुति में शुरू हुआ मनमुटाव और नाराजगी आज भी बना हुआ है। इसी वजह से मेडिकल एजुकेशन मंत्री हसन मुश्रीफ और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर के बीच दूरी बनी हुई है। स्वास्थ्य से जुड़े मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से छत्रपति प्रमिलाराजे अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में पालकमंत्री आबिटकर ने शिरकत नहीं की, जिससे महायुति में अभी भी सबकुछ सामान्य नहीं होने का संकेत मिलता है। इसे लेकर अब राजनीतिक हलकों में जोर-शोर से चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
महायुति सरकार बनने के बाद शुरुआत में मुख्यमंत्री पद न मिलने पर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नाराजगी से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में देरी हुई। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार भी नतीजे आने के डेढ़ महीने बाद हुआ। इस बीच देखा गया कि मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की दौड़ में शामिल कई दिग्गजों को नजरअंदाज किया गया। इससे शुरू हुआ मनमुटाव आज भी बना हुआ है। इसी क्रम में राज्य नियोजन मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश क्षीरसागर मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं, अब तक उन्होंने अपने ही पार्टी के पालकमंत्री प्रकाश आबिटकर का अभिनंदन करने से भी परहेज किया है। जिला नियोजन की बैठक में उनकी कम उपस्थिति से यह साफ है कि वे पालकमंत्री के पास जाने से बच रहे हैं।
मुश्रीफ थे इच्छुक
१४ महीने तक जिले के पालकमंत्री रहे मुश्रीफ फिर से इस पद के इच्छुक थे। राज्य में पालक मंत्रियों की नियुक्ति से पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कहकर अपनी इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उन्हें कोल्हापुर के बजाय वाशिम का पालकमंत्री पद दिया गया, जिससे वे भी नाराज हैं। यह नाराजगी छत्रपति प्रमिलाराजे अस्पताल में विभिन्न वार्डों के लोकार्पण कार्यक्रम में साफ दिखाई दिया। इस कार्यक्रम की पत्रिका में पालकमंत्री आबिटकर सहित जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के नाम थे। आबिटकर पूरे दिन जिले में ही थे। इसके बाद भी मुश्रीफ की मौजूदगी में हुए कार्यक्रम में शामिल होने से उन्होंने परहेज किया।