उमेश गुप्ता / वाराणसी
महाकुंभ के तीन अमृत स्नान के बाद काशी में डेरा जमा रहे नागा साधुओं की पेशवाई पूर्णिमा से शुरू हो गई। बुधवार को सबसे बड़े जूना अखाड़े की पहली पेशवाई अपने आराध्यदेव के साथ निकली। दो हजार नागा साधुओं के साथ बुधवार को बैजनत्था जपेश्वर महादेव मठ से हनुमान घाट मठ तक गाजे-बाजे के साथ निकाली गई।
साधु-संतों ने पेशवाई निकालने से पहले श्रंगार किया, शरीर पर भभूत लगाई। इसके बाद हाथों में गदा, भाला और त्रिशूल लेकर निकले। इस दौरान साधु रास्ते में रुक-रुक कर तलवार, गदा और त्रिशूल से करतब दिखा रहे थे और लाठियां भांज रहे हैं। वह हर-हर महादेव के जयघोष के साथ आगे बढ़ रहे थे। लोग उनके दर्शनों के लिए घरों के बाहर लाइन लगा कर खड़े रहे। जूना अखाड़े की पेशवाई कमच्छा और भेलूपुर होते हुए हनुमान घाट स्थित अखाड़े पर पहुंची। वहां नागा साधुओं का भव्य स्वागत किया गया। जुलूस में बैंड-बाजे, नगाड़े और नागफनी जैसे वाद्ययंत्रों की धुन पर नागा साधु करतब दिखाते और धूनी रमाते हुए चल रहे थे।