– थोरवे और दलवी ने बताया अपमान
सामना संवाददाता / मुंबई
रायगड और नासिक के पालकमंत्री पद को लेकर महायुति में खींचतान चल रही है। इस बीच उप मुख्यमंत्री अजीत पवार गुट ने अपनी दादा`गिरी’ दिखाते हुए शिंदे गुट के विधायकों को दरकिनार करते हुए रायगड जिला योजना समिति (डीपीडीसी) की बैठक बुलाई। दिलचस्प बात यह है कि अजीत दादा गुट की नेता, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे भी इस बैठक में मौजूद थीं। बिना किसी पूर्व सूचना के डीपीडीसी की ऑनलाइन बैठक बुलाए जाने पर शिंदे गुट के विधायकों ने तीखा हमला शुरू कर दिया है। रायगड जिले में महायुति में अजीत पवार गुट और शिंदे गुट के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले जिलेवार पालक मंत्रियों की सूची की घोषणा की थी। इसमें रायगड जिले के पालकमंत्री का पद अदिति तटकरे को दिया गया। हालांकि, शिंदे गुट के विरोध के कारण यह निर्णय स्थगित कर दिया गया था इसलिए रायगड जिले को नया पालकमंत्री नहीं मिला है। अजीत दादा ने अदिति तटकरे के साथ मिलकर रायगड जिला योजना समिति की बैठक संपन्न की, जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया। शिंदे गुट के विधायक महेंद्र थोरवे और महेंद्र दलवी ने विधायकों के बिना डीपीडी की बैठक बुलाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे अपमान बताया है। बता दें कि अजीत पवार गुट शिंंदे गुट को नीचा दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता है। विशेषकर रायगड जिले में दादा गुट के नेता सुनील तटकरे किसी भी हालत में शिंदे गुट को पनपने नहीं देना चाहते है। यही कारण है कि विकासशील योजनाओं का मुद्दा हो या अन्य मुद्दा जिससे शिंदे गुट के विधायकों को नजरअंदाज दादा गुट की ओर से किया जाता है। इसके साथ ही रायगड जिले के पालकमंत्री पद को लेकर शिंदे गुट और दादा गुट में जंग अब भी जारी है।