सामना संवाददाता /मुंबई
राज्य में महायुति सरकार का गजब कारभार शुरू है। आर्थिक तंगी के चलते तमाम सरकारी परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। अब खबर आई है कि मुंबई मनपा में नियुक्त दमकलकर्मियों के वेतन भी पिछले ६ महीने से नहीं मिले हैं। मनपा में नियुक्त प्रशासन की अगुआई में सरकार के इस गजब काम-काज के चलते अब नवनियुक्त दमकल जवान भी अचंभित हैं। साथ ही मुंबई में लगने वाली को बुझाने वालों के पेट की आग नहीं बुझ रही है।
मुंबई मनपा के दमकल विभाग में छह महीने पहले नियुक्त किए गए २३५ जवान वेतन और प्रशिक्षण भत्ता नहीं मिलने के कारण वे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन जवानों ने बैंक खाते से जुड़े आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए इसलिए वेतन रोका गया है। हालांकि, मुंबई अग्निशमन कर्मचारी संघर्ष संगठन ने आरोप लगाया है कि मनपा ने स्वयं पहल करके आवश्यक कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण जवानों का वेतन अटका हुआ है।
मुंबई दमकल दल में स्टाफ की कमी के कारण आग और अन्य बड़ी दुर्घटनाओं से मुंबई की जनता की जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए ९१० में से ७८५ अग्निशामक पदों को छह महीने पहले भरा गया था। इनमें से २३५ अग्निशामकों की नियुक्ति १६ अगस्त २०२४ को की गई थी। अब इनकी नियुक्ति को छह महीने हो चुके हैं, फिर भी कुछ जवानों को प्रशिक्षण भत्ता और वेतन अब तक नहीं मिला है। इसी कारण, मुंबई अग्निशमन कर्मचारी संघर्ष संगठन के बाबा कदम ने अतिरिक्त आयुक्त अमित सैनी और उपायुक्त प्रशांत गायकवाड़ से जल्द से जल्द रुका हुआ वेतन जारी करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री के घेराव की चेतावनी
भर्ती किए गए सभी दमकलकर्मी महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों और ग्रामीण इलाकों से आए हैं। इस महत्वपूर्ण और जोखिम भरे विभाग में कार्यरत होने के बावजूद वे आर्थिक तंगी के कारण एक समय का भोजन भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर मुंबई अग्निशमन कर्मचारी संघर्ष संगठन ने ४ अक्टूबर २०२४ को महानगरपालिका को लिखित पत्र भेजा था और १७ दिसंबर को अतिरिक्त आयुक्त अमित सैनी के कार्यालय में हुई बैठक में भी इस मामले को उठाया था। उनका कहना था कि मनपा ने इस पर निर्णय नहीं लिया तो मुख्यमंत्री का भी प्रशासन के इस रवैये को लेकर घेराव किया जाएगा।