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कॉपी के कलंक से उबर नहीं पा रही है महायुति सरकार! …फडणवीस के सख्त आदेश के बाद भी नहीं थम रही नकल

-अलग-अलग १६ जिलों में ५८ मामले पकड़े गए
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में एमपीएससी पेपर लीक मामले के बाद से अन्य कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए, जिसे लेकर राज्य की महायुति सरकार पर कॉपी का कलंक लग गया है। इस कलंक से पीछा छुड़ाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद शिक्षा विभाग की बैठक में हस्तक्षेप किया और स्कूलों में होने वाली नकल को लेकर सख्ती बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने इस मामले में शिक्षकों, छात्रों और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त कार्रवाई की हिदायति दी। पर उसके बावजूद राज्य में शुरू १२वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल के मामले थम नहीं रहे हैं। मात्र दो दिनों में राज्य के १६ जिलों में करीब ५८ नकल के मामले पकड़े गए हैं। ऐसे में फडणवीस के तमाम प्रयासों के बाद भी राज्य नकल के कलंक से उबर नहीं पा रहा है।

पेपर लीक रोकने में
‘ईडी’ २.० है नाकाम!
व्हॉट्सऐप पर प्रश्न पत्र
सरकार के तमाम दावे के बावजूद राज्य में नकल रुक नहीं रही है। आठ में से एक भी शिक्षा मंडल नकल से अछूता नहीं बचा है। राज्य में पिछले ३ सालों में बड़े पैमाने पर नकल का खेल शुरू है। विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक कर बच्चों को कॉपी करने में मदद की जा रही है, तो कहीं व्हॉट्सऐप पर प्रश्न पत्र लीक हो रहा है। कहीं शिक्षक बैठकर पेपर सॉल्व करवा रहे हैं। राज्य में पेपर लीक करने के लिए बड़ा रैकेट काम कर रहा है अब तलक राज्य की सरकार इस मामले में किसी भी बड़े आरोपी पर कार्रवाई नहीं कर पाई है। पेपर लीक करने और नकल करने का रैकेट राज में धड़ल्ले से बढ़ रहा है। राज्य में शिक्षा का स्तर पिछले ३ सालों से लगातार गिरता नजर आ रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। यूपी बिहार की तरह यहां भी शिक्षा गुणवत्ता खराब हो रही है। हालांकि, किसी समय में महाराष्ट्र शिक्षा के मामले में काफी बेहतर स्थिति में था। पुणे को आज भी लोग शिक्षा का हब कहते हैं, लेकिन नकल रोकने की नाकामी के चलते इस सरकार ने राज्य में शिक्षा के स्तर को गिरा दिया है।
पेपर लीक रोकने में ‘ईडी’ २.० है नाकाम – पेज २

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