सामना संवाददाता / मुंबई
ईडी २.० के कार्यकाल में एक के बाद एक गजब कारनामे किए जा रहे हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र के ४०,२९७ गांवों में रहनेवाले डेढ़ करोड़ परिवारों को `हर घर जल’ उपक्रम के तहत जलजीवन मिशन के माध्यम से पीने के पानी के नल कनेक्शन किए जा रहे हैं। फिलहाल, योजना की अवधि २०२४ में समाप्त हो गई थी, लेकिन काम पूरा अधूरा होने से इसे वर्ष २०२८ तक बढ़ा दिया गया है। जलजीवन मिशन पर अब तक १५ हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन इस साल गर्मियों में १५ जिलों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। इन जिलों में पानी की आपूर्ति के लिए पांच हजार से अधिक टैंकरों की आवश्यकता होगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की `हर घर नल’ योजना के तहत प्रत्येक घर को प्रतिदिन ५५ लीटर पानी उपलब्ध कराने के लिए जलजीवन मिशन का काम शुरू किया गया था। वर्ष २०१९ में शुरू हुई यह योजना २०२४ में पूरी होनी थी, लेकिन इसे चार साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। दूसरी तरफ कई गांवों में जलजीवन मिशन के तहत खोदे गए जल स्रोत सूख गए हैं, जिससे इन गांवों में रहनेवाले लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच फंड की कमी के कारण जलजीवन मिशन के काम रुक गए हैं। २३४ गांवों में अभी तक काम शुरू भी नहीं हुआ है, जबकि १६,०९४ गांवों में काम फंड की कमी के कारण धीमी गति से चल रहा है। इसी स्थिति में गर्मियों में पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों पर करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ेंगे।