मुख्यपृष्ठविश्वपत्रकारों के लिए खूनी साल रहा २०२४

पत्रकारों के लिए खूनी साल रहा २०२४

 

२०२४ पत्रकारों के लिए अब तक का सबसे खतरनाक साल साबित हुआ। अंतरराष्ट्रीय संगठन कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल दुनियाभर में रिकॉर्ड १२४ पत्रकार मारे गए। यह आंकड़ा २०२३ के १०२ और २०२२ के ६९ से कहीं अधिक है। संगठन के मुताबिक, पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों के पीछे सबसे ज्यादा जिम्मेदार इजराइल रहा, जिसके कारण लगभग ७०ज्ञ् पत्रकारों की जान गई। खासकर, गाजा में जारी युद्ध के दौरान इजरायली हमलों में ८५ पत्रकारों की मौत हुई, जबकि २०२३ में यह संख्या ७८ थी। इस पर जब सीपीजे ने इजरायली सेना से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है और उनकी सेना कभी भी पत्रकारों को निशाना नहीं बनाती।
सीपीजे के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी पत्रकारों पर हमले हुए। बीते साल सूडान और पाकिस्तान में ६-६, मेक्सिको में ५, म्यांमार, लेबनान और इराक में ३-३ और हैती में २ पत्रकारों की हत्या हुई। इसके अलावा, २०२४ में प्रâीलांस पत्रकारों पर भी जानलेवा हमले बढ़े, जहां ४३ प्रâीलांस रिपोर्टर्स मारे गए, जो २०२३ के १७ और २०२२ के १२ की तुलना में काफी अधिक है।

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