अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
सुरक्षा का नारा देने वाली भारतीय रेलवे की अनदेखी के चलते उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की ऊंचाई कम तो गाड़ी की ऊंचाई काफी बढ़ जाने के कारण उपनगरीय रेलवे के यात्रियों को गाड़ी में चढ़ने-उतरने में दिक्कत सी महसूस हो रही थी। लोकल तथा प्लेटफॉर्म के बीच अंतर कम करने की मांग दर्जनों यात्रियों द्वार रेलवे की शिकायत पुस्तिका पर लिखकर दिया गया। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं रहा। अंतत: उल्हासनगर स्टेशन के दोनों ही प्लेटफॉर्म की इस जटिल समस्या को `दोपहर का सामना’ समाचार पत्र ने उठाया। उसके बाद रेलवे प्रशासन ऊंचाई बढ़ने का कार्य शुरू हो गया है।
बता दें कि अभी विगत कुछ माह पूर्व उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के दोनों ही प्लेटफॉर्म की ऊंचाई इतनी बढ़ा दी गई है, जिसके चलते प्लेटफॉर्म से बड़ी ही मुश्किल से गाड़ी में दिव्यांग, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिक, छोटे बच्चे कुछ ही मिनट में गाड़ी में कैसे चढ़ सकेंते होंगे? रोज यात्री प्लेटफॉर्म पर गिर रहे थे। इस गंभीर विषय को लेकर समाजसेवक अधिवक्ता प्रशांत चंदनशिव के अलावा दर्जनों ने रेलवे प्रशासन से शिकायत की। अधिवक्ता प्रशांत चंदानशिव ने मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र देकर चेतावनी दी थी कि दस दिन मे रेल व पटरी के बीच के अंतर को कम नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे।
उल्हासनगर रेलवे स्टेशन की प्रबंधक सरिता नित्यानंद ने बताया था कि कई लोगो ने प्लेटफॉर्म व गाड़ी के बीच के अंतर की रेलवे स्टेशन की शिकायत पुस्तिका पर शिकायत लिखी है। उसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। रेल प्रशासन योग्य कार्रवाई करेगा। बढ़ती शिकायत, दोपहर का सामना की खबर पर गौर करते हुए रेलवे प्रशासन ने विगत दो दिन से प्लेटफॉर्म नंबर दो की ऊंचाई बढ़ाने की शुरुआत कर दी है।