मुख्यपृष्ठनए समाचारनई तकनीक के लिए खोखले भाषण नहीं, साफ दृष्टिकोण की जरूरत ...ड्रोन...

नई तकनीक के लिए खोखले भाषण नहीं, साफ दृष्टिकोण की जरूरत …ड्रोन क्रांति समझ नहीं पा रहे पीएम मोदी … टैंक और तोपखाने को भी छोड़ा पीछे

राहुल गांधी का सरकार पर हमला
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक ​बार फिर केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में प्रतिभा तो है, लेकिन युवाओं को रोजगार देने के लिए नई प्रौद्योगिकी में औद्योगिक कौशल विकसित करने के लिए उसे खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है। राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि वैâसे चीन ने ड्रोन का उत्पादन शुरू कर दिया है, जो दुनियाभर में युद्ध में क्रांति ला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए रणनीति विकसित करने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ड्रोन ने युद्ध में क्रांति ला दी है। बैटरी, मोटर और ऑप्टिक्स को मिलाकर अभूतपूर्व तरीके से युद्ध के मैदान में युद्धाभ्यास और संचार किया है। लेकिन ड्रोन सिर्फ एक तकनीक नहीं है बल्कि वे एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली द्वारा उत्पादित नीचे से ऊपर तक के नवाचार हैं।
इन तीन मुख्य मार्ग से आए
लाहौर से अमृतसर, नरोवाल से फिरोजपुर और बहावलनगर से श्रीगंगानगर- पिछले तीन सालों में ये तीन मुख्य मार्ग के जरिए पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स और हथियार पहुंचाने वाले ड्रोन सबसे अधिक संख्या में आए हैं। सीमा सुरक्षा बल ने दिल्ली और पंजाब में अपने ड्रोन फोरेंसिक लैब में लगभग ५०० ड्रोन के उड़ान पथों का विश्लेषण करने के बाद इस बात का खुलाया किया है।

लाहौर से भारत भेजे १८४ ड्रोन
इन मानवरहित हवाई वाहनों की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि सबसे अधिक १८४ ड्रोन लाहौर से शुरू हुए और अमृतसर सीमा क्षेत्र में उतरे। ४२ ड्रोन ने नरोवाल सीमा क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू की और फिरोजपुर सीमा क्षेत्र में उतरे। नरोवाल से १४ ड्रोन गुरदासपुर सीमा क्षेत्र में पहुंचे।

अन्य समाचार