सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। हालांकि, अब इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि क्या यह महायुति आगामी स्थानीय निकाय के चुनावों में भी कायम रहेगी या फिर महायुति के सहयोगी दल स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि महायुति की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनाव अपने दम पर लड़ने की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया है तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़नेवाला महायुति मनपा चुनाव में भी टिक पाएगी क्या? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि भाजपा नेताओं की विभिन्न स्तरों पर हुई बैठकों में स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनाव अपने दम पर लड़ने के निर्देश दिए गए हैं तो क्या पिछले कुछ दिनों से पालकमंत्री पद को लेकर चल रहा विवाद महायुति में दरार पैदा करेगा? तीनों पार्टियां आगामी चुनाव अपने-अपने दम पर लड़ेंगी क्या? इस बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। यद्यपि भाजपा अपनी ताकत का परीक्षण कर रही है, लेकिन शिंदे गुट के नेता और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कथित तौर पर एक महायुति के रूप में एक साथ चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। इस बीच भाजपा विधायक किसन कथोरे ने दावा किया है कि भाजपा महापालिका चुनाव में अकेले दम पर सत्ता लाएगी। इसके पहले भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने स्थानीय स्वराज्य संस्था का चुनाव अकेले दम पर लड़ने की बात कही थी।
फडणवीस और शिंदे के बीच खींचतान जारी
इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच खींचतान चल रही है, क्योंकि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने नासिक में होनेवाले कुंभ मेले के आयोजन को लेकर मुंबई में बैठक की थी। एकनाथ शिंदे इस बैठक में अनुपस्थित रहे और श्रीमलंगगड कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद शिंदे कल कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए स्वतंत्र रूप से नासिक गए। इस बार उन्होंने अपनी ताकत का भी जोरदार प्रदर्शन किया।