एम एम एस
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का प्रेसिडेंट बनने के बाद जिन पर सबसे ज्यादा गाज गिरी है, वे हैं अमेरिका में रहने वाले अवैध प्रवासी, जिनमें भारतीयों की संख्या कम नहीं है। पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह से हाथ-पैर में बेड़ियां बांधकर अवैध हिंदुस्थानी प्रवासियों को फौजी हवाई जहाज से हिंदुस्थान भेजा, वह ह्यूमन राइट्स वायलेशन का एक बड़ा उदाहरण है। इतनी ब़ड़ी तादाद में अमेरिका में हिंदुस्थानी पहुंच वैâसे जाते हैं? सिर्फ हिंदुस्थान ही नहीं बल्कि कई देशों से लोग अमेरिकी बनने का फॉर्म लिए अमेरिका अवैध तरीके से पहुंचते हैं और वह तरीका कहलाता है ‘डंकी रूट’।
‘डंकी रूट’ का मतलब है, एक लंबा और बेहद मुश्किल सफर। डंकी रूट से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई बार महीनों लग जाते हैं। इसमें लोग अवैध तरीके से ट्रक, विमान या नाव, पैदल चलकर या जंगलों के रास्ते एक देश से दूसरे देश जाते हैं। अमेरिका, कनाडा और कुछ यूरोप के देशों में पहुंचने का यह एक खतरनाक रास्ता है, जिसे इल्लीगल इमिग्रेशन भी कहा जाता है।
‘डंकी’ शब्द पंजाब के डुंकी शब्द से आया है, जिसका मतलब है एक जगह से दूसरी जगह कूदना।
पंजाब से अमेरिका का पूरा डंकी रूट, १० देशों से होते गुजरता है। अवैध तरीके से अलग-अलग देशों से गुजरते हुए ‘अमेरिकन’ बनने का सपना बुन रहे भारतीयों में वैसे तो हिंदुस्थान के सभी राज्यों से लोग हैं, लेकिन सबसे ज्यादा फीसद गुजरात और पंजाब के हैं।
इस खतरनाक यात्रा में दो साल तक का समय लग सकता है और इसमें कई जोखिम शामिल हैं, जिनमें डवैâती, गंभीर चोटें, बलात्कार और आपराधिक गिरोहों के हाथों मौत भी शामिल है।
प्यू रिसर्च सेंटर की २०२२ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में लगभग ७,२५,००० अनधिकृत भारतीय अप्रवासी हैं, जो उन्हें मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद तीसरा सबसे बड़ा समूह बनाता है।
‘डंकी मार्ग’ एक आकर्षक व्यवसाय बन गया है, जिसमें तस्कर प्रति व्यक्ति ५०,००० से लेकर १,००,००० डॉलर (लगभग ४० लाख से ८० लाख रुपए) तक की रकम वसूलते हैं। यह व्यापार इतना लोकप्रिय है कि इसमें हजारों तस्कर शामिल हैं। स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से ज्यादातर तस्कर उत्तर भारतीय राज्यों, खासतौर पर पंजाब और हरियाणा से आते हैं। इस यात्रा में जोखिम बहुत ज्यादा है। अवैध प्रवासियों को अपनी यात्रा के दौरान पकड़े जाने, प्रताड़ित किए जाने, जेल जाने या यहां तक कि मारे जाने की भी संभावना रहती है।
पंजाब वापस लौटे ३१ में से कम से कम २९ लोगों ने पुलिस को दिए बयान में आपबीती बताई है, जिसमें मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का ब्योरा दिया गया है। उनकी कहानी बताती है कि वे वैâसी-वैâसी मुश्किलों को पार कर अमेरिका में दाखिल हुए थे!
२०२२ में एक दंपति और उनके दो बच्चे अमेरिका-कनाडा सीमा के पास ठंड से मर गए और एक अन्य परिवार सेंट लॉरेंस नदी को पार करके नाव से कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश में डूब गया था।
‘डंकी रूट’ की कहानियों का सिलसिला इसी पन्ने पर…