सामना संवाददाता / मुंबई
लाडली बहनों को योजना की किस्त हर महीने के तीसरे सप्ताह में दिया जाएगा। हालांकि, अगर लाडली बहनों की आय ढाई लाख रुपए से अधिक है तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जिन परिवारों की आय ढाई लाख रुपए से अधिक है, उन्हें इस योजना से बाहर करने का निर्णय सरकार ने लिया है। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। लाडली बहनों का इनकम टैक्स रिकॉर्ड जांचा जाएगा। हर साल जून महीने में ई-केवाईसी कराना अनिवार्य होगा। जानकारी सामने आ रही है कि योजना में हो रही फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए योजना में सुधार करने का निर्णय हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है।
महाराष्ट्र सरकार की लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की संख्या में एक महीने में ५.५० लाख की कमी आई है। दिसंबर २०२४ में २.४६ करोड़ महिलाओं को १,५०० रुपए की मासिक सहायता मिली थी। फरवरी २०२५ में यह संख्या घटकर करीब दो करोड़ रह गई। इस कमी के कई कारण हैं, जिनमें ६५ साल से अधिक उम्र की महिलाओं को योजना से बाहर करना और संजय गांधी निराधार योजना के तहत लाभ पाने वाली महिलाओं को भी हटाना शामिल है। सरकार योजना की जांच कर रही है और दोहरे लाभ लेने वालों की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है। इससे राज्य के कर्ज के बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है।
ये हैं नए नियम
हर साल जून से जुलाई तक ई-केवाईसी करना अनिवार्य है। यह भी जांच की जाएगी कि लाभार्थी जीवित है या नहीं। यदि आय २.५ लाख रुपए से अधिक है तो कोई लाभ नहीं मिलेगा। लाडली बहनों के आयकर रिकॉर्ड की जांच होगी। जिला स्तर पर पुन: जांच के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।