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केडीएमसी की नाकामी पर हाई कोर्ट का आदेश : डोंबिवली में ६५ अवैध इमारतों को ध्वस्त करेगी मनपा! …६,५०० लोग होंगे प्रभावित


– फ्लैट मालिक राज्य सरकार से कर रहे हस्तक्षेप की गुहार

सामना संवाददाता / ठाणे
कल्याण-डोंबिवली मनपा (केडीएमसी) इस सप्ताह डोंबिवली में ६५ इमारतों को ध्वस्त करने की योजना बना रही है। यह उच्च न्यायालय के आदेश पर किया जाएगा। इन इमारतों को अवैध घोषित किया गया है, क्योंकि बिल्डरों ने इन्हें नकली बिल्डिंग प्लान और फर्जी रेरा प्रमाणपत्रों के आधार पर बनाया था। करीब ६,५०० नागरिक इस पैâसले से प्रभावित हो सकते हैं।
इन इमारतों के फ्लैट मालिक राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे इस धोखाधड़ी से अनजान थे। उन्होंने अपने घरों को बिल्डिंग प्लान की अनुमतियों, रेरा प्रमाणपत्रों की प्रतियों और राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा स्वीकृत गृह ऋण की समीक्षा करने के बाद २०१९-२०२० में खरीदा था। कुछ निवासियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ प्राप्त किया था।
इन इमारतों के निर्माण में केडीएमसी की बड़ी विफलता सामने आई है। मनपा ने २०१९-२०२२ में निर्माण के दौरान इन इमारतों को अवैध घोषित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उसने इन इमारतों को पानी, बिजली और अन्य सुविधाएं दीं, जबकि ये अवैध थीं। इसके बावजूद, जब यह धोखाधड़ी २०२२ में सामने आई, तब तक हजारों लोग घर खरीद चुके थे।
रेरा और बिल्डरों की मिलीभगत के बावजूद केडीएमसी ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। इस मामले में दोषी पाए गए बिल्डरों के खिलाफ २०२२ में एफआईआर दर्ज की गई। अब मनपा अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।
इस मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कल्याण जिलाअध्यक्ष, दीपेश माथ्रे ने घोषणा की कि आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेगा और प्रभावित परिवारों के लिए न्याय की मांग करेगा। इसको लेकर मनपा और रेरा अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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