– खर्च होंगे रु.२८,००० करोड़
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
लोकसभा चुनाव में हार से बौखलाई तत्कालीन ‘घाती’ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ‘लाडली बहन’ योजना शुरू की थी, लेकिन अब यही योजना फडणवीस सरकार के गले की फांस बन गई है। इस योजना से सरकारी खजाना दिवालिया हो गया है। इसके चलते राज्य में अन्य जनहित वाली योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इन सबके बीच अब अपात्र लाडली बहनों की खोजबीन शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, जांच में अब तक करीब नौ लाख लाडली बहनें अपात्र पाई गई हैं, जिनके और बढ़ने की उम्मीद है। इन बहनों को मिलने वाली ९४५ करोड़ रुपए का किस्त अब बंद हो जाएगी। इसके बाद भी फडणवीस सरकार को तकरीबन २८,००० करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। कुल मिलाकर फडणवीस सरकार के इस गजब माया में भले ही ९४५ करोड़ (अठन्नी)बचाने की जुगत की गई है, फिर भी खर्चा रुपैया २८,००० (रुपैया) होना ही है।
उल्लेखनीय है कि ‘लाडली बहन’ योजना के तहत अपात्र हुर्इं बहनों की संख्या ९ लाख तक पहुंच गई है। इससे पहले साढ़े ५ लाख महिलाओं के नाम योजना से बाहर किए गए थे। अब नए सिरे से साढ़े तीन लाख और महिलाओं की संख्या कम हो रही है। इसके कारण राज्य सरकार को ९४५ करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।
सिर्फ ५०० रुपए मिलेंगे
नमो किसान योजना और लाडली बहन योजना का लाभ लेने वाली पांच लाख महिलाएं हैं। इन महिलाओं को लाडली बहन योजना से केवल ५०० रुपए मिलेंगे, जबकि नमो किसान योजना से १,००० रुपए मिलेंगे। दिव्यांग विभाग से लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं को लाडली बहन योजना से बाहर किया जाएगा।
विधवाओं का प्रतिशत बहुत कम
लाडली बहन योजना के लाभार्थियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। राज्य भर में लाडली बहन योजना के २.५ करोड़ लाभार्थियों के विश्लेषण में पाया गया कि इस योजना के लगभग ८३ फीसदी लाभार्थी महिलाएं विवाहित हैं। वहीं, अविवाहित लाभार्थी ११.८ फीसदी और विधवा लाभार्थी ४.७ फीसदी हैं। लाभार्थियों में तलाकशुदा, निराधार और परित्यक्त महिलाओं का प्रतिशत मिलाकर एक फीसदी से भी कम है।
आवेदन की पुन: जांच
इस योजना के तहत लगभग १६.५ लाख महिलाओं के खाते में सीधे पैसे भेजे जाने के बाद उनके आवेदन में दिए गए नाम और बैंक खाते में पैसे जमा होने वाले नाम में अंतर पाया गया है। ऐसे लाभार्थियों की जिला स्तर पर पुन: जांच की जाएगी और इसमें अपात्र पाए जाने वाली लाडली बहनों को अपात्र घोषित किया जाएगा। जिन महिलाओं का आधार कार्ड इस योजना से लिंक नहीं है, उन्हें भी इस योजना से बाहर किया जाएगा।