मुख्यपृष्ठनए समाचारउल्हासनगर का डीजल, गैस शवदाह गृह कब होगा शुरू...दो करोड़ रुपए हो...

उल्हासनगर का डीजल, गैस शवदाह गृह कब होगा शुरू…दो करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च…डीजल, गैस का पता नहीं

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर में शव को लकड़ी से जलाने के उपरांत धुएं के रूप में बड़ी मात्रा में प्रदूषण बढ़ता है। लकड़ी से शव को जलाने से पर्यावरण की हानि होती है। जंगल काटे जाते हैं। इसके साथ ही शमशान परिसर के लोगों का धुएं से जीना हराम सा हो जाता है। पर्यावरण को प्रदूषण से निजात दिलाने के इरादे से कोविड के बाद उल्हासनगर की चार में से दो श्मशान भूमि में से एक में डीजल तो दूसरे में गैस से चलने वाली शवदाह गृह वर्षों से बनाया जा रहा है। जिस पर दो करोड़ रुपए के करीब लागत आई है। उल्हासनगरवासियों का मनपा प्रशासन पर सवाल उठाया जा रहा है कि आखिरकार कब शुरू होगा डीजल, गैस का शवदाह गृह?
केंद्र सरकार की पहल पर पर्यावरण से प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नेशनल वायु प्रदूषण नियंत्रण मिशन के तहत वर्षों से उल्हासनगर पांच कैलाश कॉलोनी की शमशान भूमि में गैस तो उल्हासनगर तीन की शांतिनागर की शमशान भूमि में डीजल का शवदाह गृह बनाया जा रहा है, जो कि कब शुरू होगा यह कहना कठिन है। शवदाह गृह के दरवाजे पर ताला लगा है और काम बंद है।  इस बारे मे सार्वजनिक बांधकाम विभाग भी कुछ बताने में अपने आपको असमर्थ बता रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस शवदाह का ठेका ठाणे जिले के एक बड़े नेता के द्वारा दिया गया है। कब शुरू होगा यह भी नेता के हाथ में ही है। महिला आयुक्त मनीषा आव्हाले क्या इस शवदाह गृह में दौरा कर क्यों संचालित हो रहा है? इस तरफ जांच कर योग्य कारेंगी, ऐसे सवाल स्थानीय क्षेत्र में उठने लगे हैं।
उल्हासनगर मनपा के जनसंपर्क अधिकारी अजय साबले से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि जल्द शुरू होने में क्या अड़चन है? उसकी जांच कर योग्य कदम उठाया जाएगा।

अन्य समाचार

मुस्कान