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बेकर्स का धंधा मंदा, वड़ा-पाव होगा महंगा! …मनपा के ग्रीन ओवन फरमान से बेकर्स पर बढ़ेगा बोझ

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की सड़कों पर मिलने वाला सस्ता और स्वादिष्ट वड़ा-पाव अब महंगा होने वाला है और इसकी वजह मुंबई मनपा का नया फरमान है। मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद मनपा ने सभी बेकरी और रेस्टोरेंट को ८ जुलाई तक कोयला और लकड़ी छोड़कर क्लीन फ्यूल (इलेक्ट्रिसिटी, सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी) अपनाने का निर्देश दिया है। इस बदलाव से पाव की कीमत में १.५० रुपए से ५ रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
मुंबई में करीब १,००० बेकरियां हर दिन लाखों लोगों के लिए पाव, बन और ब्रेड तैयार करती हैं। इंडियन बेकर्स एसोसिएशन का कहना है कि पीएनजी आधारित ओवन लगाने और उसका खर्च उठाना छोटे बेकर्स के लिए संभव नहीं है। एक ओवन को पीएनजी आधारित बनाने में १५-२० लाख रुपए तक का खर्च आएगा और गैस की खपत कोयले-लकड़ी की तुलना में ३-४ गुना अधिक होगी।
बेकर्स का कहना है कि मनपा ने बिना किसी वित्तीय सहायता या समाधान के सीधे आदेश थोप दिया। अब या तो बेकरी वाले महंगा ओवन लगाकर पाव की कीमत बढ़ाएं या फिर कारोबार बंद करें। समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने भी नपा के इस पैâसले का विरोध करते हुए कहा कि पाव की कीमत ३-५ रुपए तक बढ़ सकती है, जिससे आम मुंबईकर की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एएचएआर अध्यक्ष सुधाकर शेट्टी ने चेतावनी दी कि अगर पाव, ब्रेड और बन महंगे हुए तो रेस्टोरेंट में मिलने वाले तमाम फूड आइटम्स की कीमतें भी बढ़ेंगी। सवाल यह है कि क्या मनपा ने इस आदेश से पहले छोटे बेकर्स की दिक्कतों पर ध्यान दिया या फिर हमेशा की तरह आम जनता को महंगाई के चूल्हे में झोंक दिया?

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