मुख्यपृष्ठटॉप समाचारईडी २.० नहीं उपलब्ध करा पा रही है भूखंड ... रु. १०...

ईडी २.० नहीं उपलब्ध करा पा रही है भूखंड … रु. १० हजार करोड़ की निवेश योजनाएं लटकीं

-एमआईडीसी में धूल फांक रहे उद्यमियों के आवेदन
-१५० से अधिक उद्योगों को जमीन का इंतजार
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
दावोस दौरे के दौरान साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के समझौतों की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी। इसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावोस दौरे से राज्य में साढ़े पंद्रह लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश आने की बात कही है। हालांकि, नए उद्यमी उद्योग शुरू करने के लिए भूखंड की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद महायुति सरकार उन्हें भूखंड नहीं उपलब्ध करा पा रही है। आलम यह है कि भूखंड न मिलने से करीब १५० से अधिक उद्यमियों की लगभग दस हजार करोड़ रुपए की निवेश योजनाएं रुकी हुई हैं। इसे लेकर एमआईडीसी मुख्यालय में आवेदन करने के बाद भी यह सरकार फैसला नहीं कर पा रही है।
नए उद्यमियों को उद्योग शुरू करने के लिए पांच साल के लिए जमीन दी जाती है। यदि इस अवधि में उद्योग शुरू नहीं किया जाता है तो उन्हें नक्शा मंजूरी, निर्माण आदि मामलों पर साल में चार बार समय विस्तार मिलता है। इसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी की जाती है। फिर भी यदि उद्योग शुरू नहीं किया जाता है तो दस्तावेजों की जांच के बाद पांच प्रतिशत शुल्क और उप-अभियंता की बकाया राशि काटकर मौजूदा भूमि आवंटन दर के मुताबिक शेष राशि संबंधित व्यक्ति को वापस कर दी जाती है और भूखंड वापस ले लिया जाता है। इसके अलावा पंचनामा करके भी जमीन वापस ली जाती है। उस समय उद्यमी द्वारा भुगतान की गई राशि का १० प्रतिशत काट लिया जाता है।

…तो वापस लिया
जाता है भूखंड
प्रतीक्षा कर रहे उद्यमी
५० करोड़ रुपए से अधिक के निवेश करनेवाले उद्यमियों के आवेदन प्राथमिकता नीति के अनुसार, एमआईडीसी के मुख्यालय को भेजे जाते हैं। दूसरी ओर समयसीमा के भीतर उद्योग शुरू न करनेवालों को नोटिस जारी कर उन्हें दी गई जमीन वापस लेने संबंधी कार्रवाई की जाती है। इनमें से कुछ लोग विशेष समय विस्तार योजना में भाग लेते हैं। संबंधित विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य के कई भूखंडों को लेकर जल्द ही फैसला लेने की उम्मीद है। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में उद्यमी करोड़ों रुपयों का निवेश कर उद्योग शुरू करने के इच्छुक हैं। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया है। हालांकि, महीनों बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी तक जमीन नहीं मिली है। अब इनमें से कुछ उद्यमी बाहरी राज्यों और जिलों में जाने की तैयारी में हैं।

अटके हुए हैं डेढ़ हजार से अधिक प्लॉट
२३ जनवरी २०२३ की नए नीति के अनुसार, कागजों पर उद्यमियों के लिए विशेष समय विस्तार योजना की घोषणा की गई। इसके तहत उन्हें दो बार समय विस्तार दिया गया। इसके कारण कागजों पर उद्यमियों के पास राज्य के ३०६ एमआईडीसी में लगभग एक से डेढ़ हजार से अधिक प्लॉट अटके हुए हैं।

अन्य समाचार