-प्रदर्शनकारियों ने गुंडा होने का लगाया आरोप
सामना संवाददाता / मुंबई
बीड जिले के मस्साजोग में सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले को पूरे राज्य में आंदोलन के माध्यम से आग लगानेवाले भाजपा विधायक सुरेश धस को अब परली तालुका से ही विरोध का सामना करना पड़ा है। संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख और महादेव मुंडे के परिवार से मिलने सुरेश धस परली पहुंचे थे। हालांकि, इस दौरान सुरेश धस को वहां के नागरिकों ने काले झंडे दिखाकर उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक सुरेश धस ने परली की बदनामी की है। इतना ही नहीं वे खुद भी एक गुंडा ही हैं। संतोष देशमुख की हत्या के मामले की जांच अंतिम चरण में है। इसमें फरार आरोपी कृष्णा आंधले की गिरफ्तारी जरूरी है और उसे फरार कराने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
वंजारी कर्मचारियों को जानबूझकर किया टार्गेट
कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर भी बेबुनियाद आरोप
सुरेश धस ने बीड जिले में खलनायक की भूमिका निभानी शुरू कर दी है। यह खलनायकी बीड जिले के किसी भी सुज्ञ नागरिक को पसंद नहीं है। बीड जिला क्रांतिकारियों और संतों की भूमि है। इस भूमि पर सुरेश धस ने जानबूझकर बीड जिले के केवल वंजारी कर्मचारियों को टार्गेट किया है, इस तरह का आरोप आंदोलनकारियों ने लगाया है। ७४७ शिक्षकों के संदर्भ में भी उन्होंने बहुत गलत बोला है। सुरेश धस जब सिर्फ राज्यमंत्री थे, तब मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के सामने रखे कंप्यूटर को उठा ले गए इसलिए वे कंप्यूटर चोर हैं। यह भी आरोप इन आंदोलनकारियों ने लगाया है।
आंदोलनकारियों ने कहा कि संतोष देशमुख की हत्या की हम निंदा करते हैं, लेकिन इस घटना का फायदा उठाकर सुरेश धस ने जिस तरह से राजनीति शुरू की है, वह सही नहीं है। महिला कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर भी सुरेश धस ने बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। उनका हम खुलकर विरोध करते हैं। खास बात यह है कि यह आंदोलन पंकजा मुंडे के परली स्थित घर के बिल्कुल पास हुआ।
सुरेश धस ने कहा है कि ग्रामीणों की आठ मांगें मान ली जाएं तो उन्हें आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद धस ने महादेव मुंडे के परिवार से भी मुलाकात की। इस दौरान परली शहर में नागरिकों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर यह आरोप लगाया कि धस ने परली की बदनामी की है।