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लाडली बहन योजना से तंगी में आई महायुति … १७ लाख कर्मचारियों को नहीं मिला महंगाई भत्ता

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार ने सारे फंड ‘लाडली बहन’ योजना की ओर मोड़ दिए हैं, जिससे राज्य की सरकारी तिजोरी पर अब तंगी आ गई है। योजना के चलते अब सरकार को फंड की कमी महसूस होने लगी है। आलम यह है कि योजना की वजह से राज्य के करीब १७ लाख सरकारी कर्मचारियों को पिछले आठ महीनों से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। इस वजह से सरकारी कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी असंतोष पैâल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, यदि लंबित महंगाई भत्ता जल्दी नहीं दिया गया तो सरकारी कर्मचारी मार्च में शुरू होनेवाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
राज्य के सरकारी कर्मचारियों को तीन प्रतिशत की दर से मिलनेवाला महंगाई भत्ता जुलाई २०२४ से नहीं मिला है। राज्य में सरकारी, अर्ध-सरकारी, शिक्षक, शिक्षकेतर, नगर परिषद, जिला परिषद, अधिकारी वर्ग सहित कुल १७ लाख कर्मचारी हैं। ये सभी कर्मचारी पिछले आठ महीनों से महंगाई भत्ते से वंचित हैं। इसके कारण कर्मचारियों में असंतोष पैदा हो गया है। इस संदर्भ में राज्य सरकारी, अर्ध-सरकारी, शिक्षकेतर कर्मचारी संगठन समन्वय समिति के प्रवक्ता विश्वास काटकर ने कहा कि राज्य में सरकार बने तीन महीने हो चुके हैं। राज्य सरकार स्थिर होने तक हमने अपनी जरूरी मांगों को लेकर धैर्य बनाए रखा, लेकिन हमारी तात्कालिक मांगों की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है।
लाडली बहन योजना तो है ही, लेकिन सरकार को लाडले सरकारी कर्मचारी भी कहना चाहिए। महंगाई भत्ते के मामले में लगभग ९०० से १,००० करोड़ रुपए लंबित हैं। डीए की मांग को लेकर हम जल्द ही आंदोलन करेंगे।
– विश्वास काटकर,
प्रवक्ता, राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन

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