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हाई-स्पीड कॉरिडोर का हाई-फाई प्लान रद्द!..सपना दिखाया, पैसा बहाया, फिर ठंडे बस्ते में डाला…१० साल पहले बढ़ते यात्री दबाव को ध्यान में रखकर लाया गया था प्रोजेक्ट

सामना संवाददाता / मुंबई

सीएसएमटी-पनवेल हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर अब रद्द होने के कगार पर है। इस प्रोजेक्ट को १० साल पहले बढ़ते यात्री दबाव को कम करने के लिए लाया गया था, लेकिन अब रेलवे प्रशासन और शहरी योजना से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसे बंद करने की तैयारी है।
शुरुआती योजना के मुताबिक, ४७ किमी लंबे इस कॉरिडोर में ११ स्टेशन बनने थे और यह सीएसएमटी के प्लेटफॉर्म १८ से शुरू होकर रे रोड होते हुए मानखुर्द तक जाता। लेकिन सीएसएमटी के पुनर्विकास, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) और शिवड़ी-वर्ली कनेक्टर जैसी परियोजनाओं के कारण अब इस कॉरिडोर के लिए जगह ही नहीं बची है। यह प्रशासन की लापरवाही है कि जब यह प्रोजेक्ट बनाया गया था, तब भविष्य में आने वाले निर्माण कार्यों को क्यों ध्यान में नहीं रखा गया?
अनुमान और विफलता
शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, यह कॉरिडोर हर ४-५ मिनट में एक ट्रेन चलाने की क्षमता रखता था और २०३१ तक ३९,००० पीक ऑवर यात्री इसे इस्तेमाल करने वाले थे। यह ३० फीसदी लोकल यातायात और २० फीसदी सड़क यातायात को कम कर सकता था। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और सिडको ने इसे मंजूरी दी थी, लेकिन प्रशासनिक कुप्रबंधन के कारण अब इस योजना का कोई भविष्य नहीं बचा है।
जनता के करोड़ों रुपए हुए बर्बाद
इस परियोजना के लिए सर्वे, योजना और प्रारंभिक अध्ययन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। सिडको ने पाम बीच रोड से वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया था, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इस पर पहले ध्यान नहीं दिया। अब जब निर्माण के लिए जगह ही नहीं बची तो यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में जा रहा है।

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