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मुंबई में लगता है बाइकर्स पर सट्टा…सैटरडे नाइट, डेंजरस राइड!

फिरोज खान / मुंबई

-बांद्रा से शुरू होकर गोरेगांव, पवई तक होती है रेस

-दर्जनों की हो चुकी मौत, घायलों की संख्या भी है काफी

-पुलिस को इस अवैध खेल की नहीं है कोई फिक्र

मुंबई के बांद्रा इलाके में हर शनिवार को मौत के खेल का बाजार लगता है। इस खतरनाक खेल पर लाखों रुपए का सट्टा भी लगाया जाता है। कई लोग पैसे देकर खतरा मोल लेते हैं, तो कई लोग पैसे फेंककर इस सैटरडे नाइट के डेंजरस बाइक राइड का मजा लेते हैं। असल में हर सैटरडे को बांद्रा-पूर्व स्थित खेरवाड़ी से बाइक रेस होती है। रेसिंग के दौरान जो अच्छे राइडर्स होते हैं, उन पर लाखों रुपए की बाजी लगाई जाती है। इसमें हिस्सा लेने के लिए मीरा रोड, मालवणी, बांद्रा, गोवंडी और बोरीवली से नामचीन राइडर्स पहुंचते हैं। इन बाइक राइडर्स की नजर सिर्फ फिनिशिंग पॉइंट पर होती है। इस खेल में अभी तक दर्जनों राइडर्स की मौत और काफी संख्या में घायल होने की खबर है। पर पुलिस को इस अवैध खेल की कोई फिक्र नहीं है। बांद्रा में हर शनिवार को बाइक रेस लगाई जाती है। इसका कोई परमीशन नहीं होता और यह पूरी तरह से अवैध है। इस खतरनाक खेल में कई युवा अपनी जान गवां बैठे हैं तो कई अपाहिज हो गए हैं। इसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आती है। इस खतरनाक रेस के दौरान बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के १६० से १८० प्रतिघंटा की रफ्तार से बाइक को भगाया जाता है। इतना ही नहीं, रायडर्स फुल नशे की हालत में होते हैं, ऐसी हालत में उन्हें मौत का डर नहीं होता है। हर शनिवार रात २ बजे बांद्रा के खेरवाड़ी इलाके में राइडर्स का जमावड़ा होता है। रेसिंग में हिस्सा लेने के लिए २० हजार रुपए एंट्री फी होती है। रेसिंग शुरू होने से पहले वहां मौजूद सट्टेबाज राइडर्स पर एक से डेढ़ लाख रुपए लगाते हैं।
मारते हैं टक्कर
बाइकर्स एक-दूसरे को टक्कर मारकर, गिराकर, फुटपाथ पर बाइक चढ़ाकर चलाते हैं। इस दौरान कई राइडर्स की मौत हो जाती है। कुछ गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, क्योंकि बिना किसी सुरक्षा उपाय के यह रेसिंग होती है। ड्रैग रेस ४०० मीटर की होती है। कम दूरी वाली रेस भी जानलेवा होती है। इस अवैध खतरनाक खेल में ड्रग्स, सट्टेबाजी और जानलेवा होने के बावजूद पुलिस बेखबर है।

२०० राइडर्स लेते हैं हिस्सा
१५० से २०० राइडर्स इसमें हिस्सा लेते हैं। एक से डेढ़ करोड़ रुपए का सट्टा लगता है। यह रेसिंग, ‘टॉपइन’, ‘ड्रैग’, ‘ट्रैफिक’ और ‘नो रूल्स’ के नाम से की जाती है। इसमें सबसे खतरनाक ‘नो रूल्स’ रेसिंग है। फिनिशिंग पॉइंट तक पहुंचने के लिए राइडर्स कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं।

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