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भाजपा और शिंदे में तकरार…९०० करोड़ के प्रोजेक्ट पर गिरी गाज!..जांच के दिए निर्देश, शिंदे गुट की नींद हराम

सामना संवाददाता / मुंबई

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कथित मतभेदों ने एक नई दिशा ले ली है। भाजपा और शिंदे गुट में चल रही इस तकरार को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस ने ९०० करोड़ रुपए की परियोजना को रोक दिया है, जिसके कारण शिंदे गुट के नेताओं की नीद हराम हो गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिंदे सरकार की ओर से स्वीकृत ९०० करोड़ रुपए की जालना खारपुड़ी परियोजना पर अब रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमाओ) के निर्देश पर सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) के प्रबंध निदेशक को परियोजना की जांच के आदेश दिए गए हैं। शिंदे पहले से ही खफा चल रहे हैं। अब इस मामले से शिंदे के मंत्रियों और विधायकों में भी नाराजगी की बात कही जा रही है।
शिवसेना ने की ठोस कार्रवाई की मांग
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के पूर्व विधायक संतोष सांबरे ने इस मामले में मुख्यमंत्री फडणवीस से ठोस कार्रवाई की मांग की है। परियोजना की जांच ने इसकी वैधता और शिंदे सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस परियोजना को लेकर सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जब २०२० में इसे आर्थिक रूप से अव्यवहार्य करार दिया गया था तो २०२४ में यह अचानक व्यवहार्य वैâसे हो गई? अब सबकी नजर इस परियोजना की चल रही जांच रिपोर्ट पर है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि यह परियोजना आगे बढ़ेगी या बंद हो जाएगी।
अनियमितता के आरोप
शिवसेना का आरोप है कि इस परियोजना में कुछ व्यापारियों और दलालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अनियमितता को बढ़ावा दिया। परियोजना के तहत स्थानीय किसानों और जमीन मालिकों से कम कीमत पर भूमि खरीदी जा रही थी, जबकि बाद में इसका लाभ संपन्न लोगों को दिया जाने की योजना थी। शिवसेना का कहना है कि यह परियोजना कुछ साल पहले आर्थिक रूप से अव्यवहार्य थी, लेकिन अब इसे मंजूरी क्यों मिली? क्या इसमें कोई दबाव या राजनीतिक स्वार्थ शामिल था?

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