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मनपा प्रशासन की टूटी नींद, अब शिवाजी पार्क में होगी हरियाली! …धूल की समस्या का होगा समाधान

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवाजी पार्क, जो कभी खेल प्रेमियों और मॉर्निंग वॉकर्स के लिए जन्नत हुआ करता था, आज धूल-धक्कड़ का अड्डा बन चुका है। लाल मिट्टी की चादर ने यहां आने वालों को परेशान कर रखा है लेकिन मनपा को अब जाकर याद आया कि घास भी कोई चीज होती है! मार्च से यहां घास लगाने की योजना बनाई गई है। यानी कि जो धूल में खेल रहे थे, वे अब हरियाली देख पाएंगे!
मनपा को चाहिए हरियाली, पर कहां से आएगा पानी?
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने सुझाव दिया है कि मैदान में मिनी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया जाए, जिससे अपशिष्ट जल को साफ कर मैदान की सिंचाई की जा सके। लेकिन फिलहाल, मनपा सिर्फ घास लगाने पर ध्यान दे रही है, जैसे घास अपने आप पानी की व्यवस्था कर लेगी! अगर एसटीपी बना तो शायद मैदान में हरियाली लंबे समय तक टिकी रहे, वरना कुछ ही महीनों में फिर से ‘धूल की वापसी’ हो जाएगी।

क्या सही ढंग से उग पाएगी घास?
२८ एकड़ के इस मैदान से घास कब से गायब है, यह इतिहासकार ही बता सकते हैं! लोगों की लगातार शिकायतों के बाद भी मनपा सालों तक आंखें मूंदे बैठी रही। अब जाकर यह तय हुआ कि स्वदेशी घास लगाई जाएगी, लेकिन सरकारी टेंडर और ठेकेदार के काम की स्पीड को देखते हुए घास उगने में भी वक्त लगेगा! मनपा का दावा है कि यह पायलट प्रोजेक्ट होगा, यानी पहले छोटे पैमाने पर देखा जाएगा कि घास मैदान में टिक पाती है या नहीं। मतलब, घास को भी अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा!

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