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महाकुंभ में ‘महातांडव’..१८५ जगहों पर लगी थी आग!..२४ थीं काफी गंभीर…कई टेंट हुए थे राख

सामना संवाददाता / लखनऊ

तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े मानवीय समागम महाकुंभ में अग्नि का ‘महातांडव’ हुआ था। वैसे तो कुछ खबरें मीडिया में आई थीं, पर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कुल मिलाकर इस महाकुंभ में ५ या १० नहीं बल्कि कुल १८५ जगहों पर आग लगी थी। इनमें २४ आग तो काफी गंभीर किस्म की थीं।
बता दें कि सरकारी आंकड़े के अनुसार, इस महाकुंभ में ६६ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। चार हजार हेक्टेयर में बसे और २५ सेक्टर में बंटे महाकुंभ नगर में रोजाना औसतन एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम तट पर आ रहे थे। यूपी अग्नि शमन विभाग के महाकुंभ के सीएफओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि १८५ में से २४ अग्नि दुर्धटनाएं गंभीर स्थिति की थीं, जिनमें काबू पाने में कुछ टेंट और तंबू जल गए, लेकिन किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई। जबकि ८६ के करीब छोटी अग्नि दुर्घटनाएं भी हुर्इं, जिन पर आसानी से काबू पा लिया गया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान सबसे बड़ी अग्नि दुर्घटना १९ जनवरी को मेले के सेक्टर-१९ में सिलेंडर के फटने से हुई थी, लेकिन उसमें भी विभाग ने पूरी मुस्तैदी से सभी श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को रेस्क्यू करते हुए कम से कम समय में काबू पा लिया था।
रोजाना चार जगहों पर आग
यूपी अग्मिशमन विभाग का कहना है कि उसने आग पर काबू पाने के पर्याप्त इंतजाम कर रखे थे और यही वजह है कि अपने अत्याधुनिक उपकरणों और मुस्तैदी से बिना किसी जन हानि के अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया। महाकुंभ में आग लगने की दो दर्जन बड़ी घटनाएं हुर्इं। रोजाना औसतन चार जगहों पर आग लगती थी, जिन पर फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए काबू पाया।

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