सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की भाषा मराठी ही है। इसलिए भैय्याजी जोशी से उनके बयान के लिए माफी मांगने की मांग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधानमंडल दल के नेता आदित्य ठाकरे ने की। इस बीच न केवल वे दृढ़ता से बोल रहे थे, बल्कि आक्रामक भी दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सच में महाराष्ट्र की मिट्टी से जुड़े हुए हैं तो उन्हें इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
इस संदर्भ में विधानभवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा के पेट में जो था, वह अब जुबान पर आ गया है। भाजपा मुंबई को तोड़ना चाहती है। मराठी को दूर करना चाहती है। मराठी लोगों को दूर करना चाहती है इसीलिए उन्होंने घाटकोपर में पराग शाह को उम्मीदवार बनाया। इस तरह की आलोचना आदित्य ठाकरे ने की। महायुति सरकार को मराठी से प्रेम नहीं है, यह कहते हुए आदित्य ठाकरे ने कुछ उदाहरण भी दिए।
महाविकास आघाड़ी सरकार मरीन ड्राइव पर मराठी भाषा भवन बनाने वाली थी, लेकिन इस सरकार ने उसे स्थगित कर दिया। गिरगांव में मराठी नाट्य सभागार बनाने की योजना को भी स्थगित कर दिया गया। आदित्य ठाकरे ने कहा कि कोश्यारी, कोरटकर, सोलापुरकर जैसे लोग हमारे महापुरुषों का अपमान करते हैं इसलिए अब हमें यह सोचना चाहिए कि हम इसे कब तक सहेंगे। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई में लाखों लोग रोजगार के लिए बाहर से आते हैं, लेकिन मुंबई की भाषा मराठी ही है, यह भैय्याजी जोशी को समझना चाहिए।