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न्यायालय के उद्घाटन पर अवैध बैनरबाजी से भड़के न्यायमूर्ति अभय ओक … मीरा-भायंंदर मनपा को लगाई लताड़

– मुंबई हाई कोर्ट के आदेश का बताया उल्लंघन
– न्यायालय के गेट पर ही लगे थे अवैध पोस्टर

प्रेम यादव / भायंदर
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मीरा-भायंंदर न्यायालय का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय ओक के हाथों संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक क्षण पर कुछ तथाकथित उत्साही राजनेताओं ने बेशर्मी की हद पार कर दी।
न्यायमूर्ति अभय ओक ने अपने भाषण में कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं था, फिर भी कुछ नेताओं ने इसे अपनी वाहवाही लूटने का जरिया बना लिया। उत्साहित नेताओं ने सीधे मुंबई हाई कोर्ट के ६ अगस्त २०१४ के आदेश का उल्लंघन कर न्यायालय के उद्घाटन के नाम पर जगह-जगह अवैध होर्डिंग्स और बैनर लगा दिए। इन बैनरों पर मनपा की मंजूरी का कोई उल्लेख नहीं था, यानी ये पूरी तरह से अवैध थे।
न्यायमूर्ति ओक ने सवाल उठाया कि क्या मनपा इन अवैध बैनरों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर दोषियों को अभय मिलेगा? मनपा प्रशासन की लापरवाही पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध बैनरों पर कोई अंकुश नहीं है।
मनपा दोषियों पर कार्रवाई करेगी या फिर बचाएगी?
न्यायमूर्ति ओक ने कहा कि वर्षों बाद मीरा-भायंंदर के नागरिकों का सपना साकार हुआ है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि ठाणे जिला कभी रायगड से लेकर पालघर तक पैâला हुआ था, बाद में न्यायपालिका का विकेंद्रीकरण हुआ और अलग-अलग न्यायालय बने। ठाणे ऐसा अनोखा जिला है, जहां सात महानगरपालिकाएं हैं, लेकिन इतनी मनमानी और लापरवाही शायद ही कहीं देखने को मिले। उन्होंने बताया कि जब वे मीरा-भायंंदर न्यायालय के उद्घाटन के लिए आ रहे थे, तब पूरे रास्ते में उन्होंने जगह-जगह उद्घाटन के बैनर देखे। पहले उन्हें खुशी हुई, लेकिन जब उन्होंने गौर किया कि इनमें से किसी पर भी मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार मनपा की अनुमति का क्रमांक दर्ज नहीं था, तो यह स्पष्ट हो गया कि ये सभी अवैध हैं।
सहायक आयुक्त को निलंबित करने की मांग
नए न्यायालय के गेट के सामने ही अवैध बैनर लगाने वाले नेताओं पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मनपा के प्रभाग अधिकारी सुधाकर और संबंधित इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी कर २४ घंटे में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए। सवाल यह है कि क्या मनपा अब भी दोषियों को बचाने का प्रयास करेगी या फिर सख्त कार्रवाई करेगी?

क्या अब भी बैनर माफिया पर मेहरबान रहेगी मनपा?
मीरा-भायंंदर मनपा पर पहले भी अवैध बैनरबाजी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद इस गोरखधंधे पर कोई लगाम नहीं लगाई गई है। अब जब खुद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ने इस अवैध बैनरबाजी को लेकर नाराजगी जाहिर की है, तो देखना होगा कि क्या मनपा वाकई दोषियों पर कार्रवाई करेगी या फिर हमेशा की तरह जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं को अभय दे देगी?

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