-बनाया एसटी महामंडल का अध्यक्ष, घाती हुआ नाराज
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार में शामिल तीनों दलों के बीच इन दिनों तनातनी का माहौल है। खास करके उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मामला कुछ ज्यादा ही टेंशन वाला है। फडणवीस जब से मुख्यमंत्री बने हैं पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पर लगातार कतर रहे हैं। एक तरफ शिंदे के करीबी उद्योगपतियों पर ईडी, सीबीआई की धौंस तो शिंदे गुट के मंत्रियों की फाइलें रोककर और उनके विभाग के निर्णय के लिए आईएएस अधिकारियों को अधिकार देकर उन्हें दबा दिया है। हर तरह से शिंदे को झटका दे रहे हैं।
सोची-समझी राजनीति के तहत
काम कर रहे फडणवीस
शिंदे को टक्कर देने के लिए सरनाईक को कर रहे खड़ा
एक दिन पहले फडणवीस ने राज्य के मित्र संस्था से शिंदे के करीबी बिल्डर अजय अशर को हटाया तो कल उन्होंने शिंदे गुट के नेता व मंत्री प्रताप सरनाईक को एसटी महामंडल के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया। ऐसा कर के फडणवीस एक सोची समझी साजिश के तहत गहरी राजनीति कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो फडणवीस के इस निर्णय से शिंदे खासा नाराज है, क्योंकि फडणवीस ऐसे पैâसले लेकर शिंदे गुट के एक धड़े को तोड़ रहे हैं। दरअसल, सरनाईक का कद बढ़ने से ठाणे में शिंदे को भविष्य में समस्या होगी। उनके टक्कर का दूसरा नेता खड़ा हो जाएगा। इसलिए वे सरनाईक की नियुक्ति को पसंद नहीं कर रहे थे। ऐसे में सूत्रों का दावा है कि फडणवीस ने शिंदे गुट के दो नेता व मंत्री उदय सामंत और सरनाईक को अपने पक्ष में किया है। ये लोग शिंदे गुट से किसी भी समय अलग होकर फडणवीस के साथ खड़े हो जाएंगे।
बता दें कि फडणवीस शिंदे गुट में शिंदे को छोटा बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। फडणवीस ने शिंदे गुट में पहले मंत्री उदय सामंत को बढ़ाया अब ठाणे में शिंदे के सामने प्रताप सरनाईक को मजबूत बना रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सरनाईक को एसटी महामंडल का अध्यक्ष बिना शिंदे से पूछे बनाया गया है, लेकिन फडणवीस के इस निर्णय पर शिंदे कुछ बोल भी नहीं पाए, तो दूसरी तरफ सरनाईक को अपने भरोसे में ले लिया। अब यदि शिंदे अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर करते तो उनके ही पार्टी में विद्रोह नजर आता। वैसे भी फडणवीस अब शिंदे को उदय और सरनाईक के जरिए घेर चुके हैं। शिंदे गुट में अब तीन नेता हो गए है। शिंदे की नाराजगी पर यह गुट फूटेगा। उदय और सरनाईक फडणवीस के साथ ही नजर आएंगे।
खास बात एसटी महामंडल में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शिंदे गुट के करीबी भरत गोगावले को हटाया गया था और भ्रष्टाचार रोकने हवाला देकर शिंदे के कई निर्णयों को रद्द किया गया था और इसके अध्यक्ष पद पर आईएएस अधिकार संजय सेठी को तैनात किया था, लेकिन अब फिर से अचानक सेठी को हटाकर सरनाईक को लाने की राजनीति नहीं बल्कि कूटनीति है।
फडणवीस ने परंपरा को तोड़ा
अधिकांश समय राज्य के परिवहन मंत्री ही एसटी महामंडल के अध्यक्ष रहे हैं। २०१४ से २०१९ तक दिवाकर रावते परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल के अध्यक्ष थे। इसके बाद महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान अनिल परब के पास मंत्री पद और अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी थी। यह परंपरा एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए भी जारी रखी गई। उस समय एकनाथ शिंदे ही राज्य के परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल के अध्यक्ष थे। हालांकि, देवेंद्र फडणवीस ने इस परंपरा को तोड़ दिया।