वित्तीय घाटा बढ़ने से खर्च में कटौती
आर्थिक संकट को संभालने के प्रयास
कल पेश होगा राज्य का बजट
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सहित पूरे राज्य में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इन सबके बीच लाडली बहनों को हर महीने २१०० रुपए देने का आश्वासन महायुति सरकार ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया था। इसलिए उम्मीद जताई जा रही थी कि इस आश्वासन की पूर्ति सोमवार को पेश होने वाले राज्य के बजट में होगी। लेकिन खर्च और आय का संतुलन बिगड़ने के कारण राज्य के बजट में २१०० रुपए की घोषणा नहीं होने वाली है। इस तरह की जानकारी सूत्रों ने दी है।
राज्य की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट शुक्रवार को विधानमंडल में पेश की गई, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति का पूरा चित्र साफ हो गया है। राज्य पर कर्ज का बोझ करीब आठ लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने के संकेत हैं। राज्य की आय और खर्च में अभी संतुलन नहीं है। इसलिए वित्तीय घाटा बढ़ गया है। वित्तीय घाटा अभी तीन प्रतिशत से ऊपर चला गया है। ऐसे में वर्तमान वित्तीय घाटे को तीन प्रतिशत से कम करके संतुलन बनाने का महायुति सरकार का प्रयास है। सूत्रों के मुताबिक इसीलिए इस साल के बजट में बड़ी घोषणाएं नहीं होंगी। खबर यह भी है कि वित्तीय घाटा पाटने के लिए २१०० रुपए की घोषणा को भी बजट में काटा जा सकता है। राज्य पर आठ लाख करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ और दो लाख करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा होने के कारण इस साल के बजट की कठोरता से रूपरेखा तैयार करने के निर्देश उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने दिए हैं।
अदिती तटकरे का समर्थन
इस साल के बजट में लाडली बहनों को २१०० रुपए नहीं दिए जाएंगे। इस बात को महिला और बाल कल्याण मंत्री अदिती तटकरे ने दो दिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था। महायुति सरकार का घोषणापत्र पांच साल के लिए है। इसलिए वित्तीय घाटा पाटने के बाद अगले बजट में २१०० रुपए देने पर विचार किया जाएगा। इस तरह का निष्कर्ष महायुति सरकार ने निकाला है।