– जेदवी आनंद
बॉलीवुड में अक्सर ऐसा कहा जाता है कि कोई भी कलाकार, निर्देशक और तकनीशियन अपने किसी एक दो काम की वजह से पूरी जिंदगी सर्वाइव करता है। मसलन किसी कलाकार या निर्देशक की कोई एक फिल्म अगर हिट हो जाती है तो उसे कुछ और प्रोजेक्ट मिल जाते हैं, फिर बीच में कोई दूसरा प्रोजेक्ट हिट हो जाने से करियर को फिर कुछ वर्षों का विस्तार मिल जाता है और पूरे सफर को देखें तो कोई भी कलाकार निर्देशक अपने दो-चार प्रोजेक्ट की वजह से ही जाना जाता है, लेकिन अभिनेता आमिर खान के ४० वर्षों का फिल्मी सफर देखें तो ठीक इसके विपरीत है। आमिर खान के फिल्मी सफर में दो-चार प्रोजेक्ट को हटा दिया जाए तो तकरीबन सभी फिल्में श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में गिनी जाती हैं, बल्कि सर्वश्रेष्ठ का चयन करना तो बहुत ही मुश्किल हो जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं फिल्मों के चयन में विविधता और जोखिम होने के बावजूद श्रेष्ठ है, सफल है। शायद इसी वजह से आमिर खान को परफेक्टनिस्ट कहा जाता है और उनकी दूरदर्शिता की बॉलीवुड में हमेशा चर्चा होती रहती है इसलिए आमिर खान को सिनेमा का जादूगर कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और इसी को पीवीआर एनोस ने समझा और सिनेमा के जादूगर द आमिर खान फिल्म फेस्टिवल की कल्पना की और उसे अब अंजाम तक पहुंचने को घोषणा कर दी, जिसकी शुरुआत १४ मार्च से होने जा रही है।
बता दें कि १४ मार्च को आमिर खान का जन्मदिन है और आमिर खान अपने जीवन के ६० वर्ष पूरे करने जा रहे हैं और ये बहुत अच्छा संयोग भी कहा जा सकता है कि १४ मार्च को होली भी है। फेस्टिवल का मजा दुगुना हो जाता है। १४ मार्च से २७ मार्च तक आयोजित इस फेस्टिवल में आमिर खान की कई फिल्मों जैसे ‘कयामत से कयामत तक’, ‘तारे जमीन पर’, ‘लगान’, ‘रंग दे बसंती’, ‘दंगल’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘फना’ जैसी सभी फिल्मों का प्रदर्शन होगा, जिसकी विधिवत घोषणा पिछले दिनों आयोजित एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीवीआर एनोस के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय बिजली ने अभिनेता आमिर खान व प्रख्यात लेखक जावेद अख्तर की उपस्थिति में की।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने जावेद अख्तर ने आमिर खान से सिनेमा के विविध विषयों पर बेबाक बातचीत की, जो प्रेस कॉन्प्रâेंस का सबसे बड़ा आकर्षण का पल था, बल्कि सिनेमा को समझने और जानने की जिज्ञासा रखनेवालों के लिए एक अद्भुत ऊर्जा का संचार करनेवाला भी था, जिसे आप अपने दस्तावेज में सहेज कर रख सकते हैं। जावेद अख्तर के सवालों का आमिर खान ने बहुत ही बेबाकी और ईमानदारी से जवाब दिया। मसलन सिनेमा के चयन पर पूछे गए सवाल के जवाब में आमिर खान ने कहा, मैं फिल्मों के चयन में तीन चीजों का ध्यान रखता हूं पहला स्क्रिप्ट, दूसरा डायरेक्टर और तीसरा निर्माता। पहले तो मुझे स्क्रिप्ट पसंद आनी चाहिए, फिर मैं देखता हूं कि डायरेक्टर को काम आता है या नहीं, उसके बाद निर्माता। कई बार ऐसा होता है कि स्क्रिप्ट में जरूरत कश्मीर के लोकेशन की होती है और निर्माता बजट की वजह से फिल्मसिटी में कश्मीर क्रिएट करना चाहता है तो फिर ऐसी फिल्में सही नहीं होती हैं। ऐसे ही सिनेमा की मार्केटिंग, साउथ के सिनेमा के बढ़ते प्रभाव जैसे कई विषयों पर जावेद अख्तर ने सवाल किया, जिसका आमिर खान ने बेबाकी से जवाब दिया। देखा जाए तो जावेद अख्तर व आमिर खान की ये बातचीत एक दस्तावेज की तरह संगृहित करके रखी जा सकती है।
बहरहाल, १४ मार्च से २७ मार्च तक चलने वाले इस फेस्टिवल में आमिर खान की फिल्मों को दुबारा सिल्वर स्क्रीन पर देखने का एक अद्भुत आनंद होगा और ये देखना भी दिलचस्प होगा कि इस फेस्टिवल को दर्शकों का वैâसा रिस्पॉन्स मिलता है।