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बिजली दरों की बढ़ोतरी मामले से मुख्यमंत्री ने झाड़ा पल्ला! …कहा-विद्युत नियामक आयोग के पास है दरों का अधिकार

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में बिजली दरों की बढ़ोतरी का मामला कल विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा उपस्थित किया गया। बिजली दरों की बढ़ोतरी के मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बिजली दरों को मंजूरी देने का अधिकार विद्युत नियामक आयोग के पास है। सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए निर्धारित दरों को आयोग के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया है। सभी नियामक प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद २०२५-२६ से २०२९-३० की अवधि के लिए बिजली टैरिफ आदेश जारी किए जाएंगे और उसी के अनुसार बिजली वितरण कंपनियां दरें लागू करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई शहर के लिए भी बेस्ट, टाटा पावर, अडानी और महावितरण जैसी बिजली वितरण कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बहुवर्षीय टैरिफ याचिका प्रस्तुत की है। मुंबई में बड़ी इमारतों को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरीकों से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार उन इमारतों के लिए एक नई योजना बनाने पर विचार कर रही है, जिनमें उनकी मौजूदा क्षमता से अधिक बिजली उत्पन्न करने की क्षमता है।
सौर आधारित बिजली के लिए स्वतंत्र योजना
केंद्र सरकार ने ० से ३०० यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, ऐसे उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर पैनल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की इस योजना के पूरक के रूप में राज्य सरकार अपनी एक स्वतंत्र योजना लाने वाली है, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान दी। बिजली दरों में बढ़ोतरी के मुद्दे को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक भास्कर जाधव आदि ने उपस्थित किया। सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कि राज्य में बिजली दरों को कम करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

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