घाटकोपर में हुई घटना के बाद भी नहीं जागा प्रशासन
द्रुप्ति झा / मुंबई
सड़कों पर लगे होर्डिंग्सों से मुंबईकर परेशान हैं। घाटकोपर में हुए होर्डिंग हादसे के बाद पैदल चलने वालों में खौफ का माहौल है, जबकि महाराष्ट्र में अवैध होर्डिंग्स को लेकर हाई कोर्ट ने १९ दिसंबर, २०२४ को राज्य सरकार और राजनीतिक दलों को फटकार लगाई थी। राज्य भर में राजनेताओं और राजनीतिक दलों के अवैध होर्डिंग्स और बैनरों की बढ़ती संख्या के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को अवमानना नोटिस जारी किया था। अदालत ने अपने पिछले आदेशों में राजनीतिक दलों द्वारा दी गई सफाई को रिकॉर्ड में लिया था, जिसमें सभी पार्टियों ने सहमति व्यक्त की थी कि वे अवैध होर्डिंग्स, बैनर या पोस्टरों को प्रोत्साहित नहीं करेंगे और उन्होंने अपने-अपने राजनीतिक नेताओं और अनुयायियों को परिपत्र जारी कर उन्हें अनावश्यक होर्डिंग्स लगाने में संलिप्त नहीं होने का निर्देश दिया था।
जमीनी हकीकत जानने के लिए जब ‘दोपहर का सामना’ संवाददाता ने मुंबई की सड़कों की पड़ताल की तो पाया कि छोटी गलियों से लेकर बड़ी-बड़ी सड़कों पर भी अवैध होर्डिंग लगाए गए हैं। सड़कों पर लगे होर्डिंग्स को देखने से लगता है कि राजनीतिक दल अपने वचन पर खरे नहीं उतरे हैं। अंधेरी स्थित चांदीवली इलाके में शिंदे गुट के कई पॉलिटिकल बैनर्स लगे हुए हैं। लोग इस पर आपत्ति जताते हुए मनपा से नाराज हैं। उनका कहना है कि घाटकोपर होर्डिंग हादसे के बाद भी मनपा सोई हुई है।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
जब संवाददाता ने मनपा अधिकारी से बातचीत की तो एल वार्ड के अधिकारियों ने चुप्पी साधते हुए सवालों से मुंह फेर लिया।
एल वार्ड का लाइसेंस डिपार्टमेंट जिम्मेदार
कानून और न्यायालय के आदेश का पालन करना सभी के लिए बंधनकारक है। मनपा गैरजिम्मेदार है। हर जगह अवैध होर्डिंग्स लगे हुए हैं और इस सबके लिए एल वार्ड का लाइसेंस डिपार्टमेंट जिम्मेदार है। जानकारी के अनुसार इस मामले में क्षेत्र की कुछ संस्थाओं के लोग अधिकारियों पर कार्रवाई करवाने को लेकर हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है।
-रमेश गुप्ता, अंधेरी
हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करना जरूरी
हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों का मनपा को पालन करना चाहिए। लोगों द्वारा की गई शिकायतों पर प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए, ताकि घाटकोपर होर्डिंग जैसा हादसा अब न हो। इसी के साथ ही मनपा को डिजिटल बैनर भी लगाना चाहिए, जिससे प्रदूषण कम होगा।
-एड. आशुतोष रतूड़ी