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अंबादास दानवे ने अख्तियार किया आक्रामक रुख … गणेश मूर्तिकारों की बेरोजगारी को लेकर बैकफुट पर सरकार!

मुख्यमंत्री बचाव में उतरे, समिति गठित करने को हुए मजबूर
सामना संवाददाता / मुंबई
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे गणेश मूर्तकारों की बेरोजगारी का मामला उठाते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोला। सदन में दानवे के आक्रामक रूख अख्तियार करने के कारण सरकार बैकफुट चली गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि गणेशोत्सव महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्योहार है और इसे पारंपरिक रूप से मनाने में कोई बाधा न आए, इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि गणेश मूर्तिकारों को बेरोजगारी का सामना न करना पड़े और पारंपरिक मूर्ति निर्माण प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने डॉ. अनिल काकोडकर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण से पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) मूर्तियों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प उपलब्ध कराने पर अध्ययन कर रही है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि पीओपी मूर्तियों पर प्रतिबंध प्रदूषण नियंत्रण मंडल के निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार लगाया गया है। यह मुद्दा पिछले कई वर्षों से न्यायालय में लंबित था और राज्य सरकार को समय-समय पर इस पर निर्णय लेने की समय-सीमा दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम निर्णय लेकर पीओपी मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालय से अनुरोध करेगी कि जब तक काकोडकर समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होती, तब तक इस प्रतिबंध पर समयसीमा बढ़ाई जाए। सरकार प्रदूषण नियंत्रण के पक्ष में है, लेकिन मूर्तिकारों और गणेशोत्सव मंडलों की समस्याओं को भी समझ रही है। गणेश भक्ति की परंपरा को बनाए रखने और पर्यावरण अनुकूल विकल्प खोजने के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पित है।

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