-एक महीने में जांच पूरी कर
-दोषियों पर होगी कार्रवाई
सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक एड. अनिल परब और अन्य सदस्यों द्वारा एमएसआरटीसी की निविदा प्रक्रिया में हुई तथाकथित अनियमितताओं की जांच की मांग गई थी। शिवसेना विधायक परब की इस मांग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मांग के आगे झुकने को मजबूर होना पड़ा। मुख्यमंत्री एमएसआरटीसी की निविदा प्रक्रिया में बरती गई अनियमितताओं की जांच बैठाकर शिंदे गुट को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) द्वारा बसों को लीज पर लेने की निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच एक महीने के भीतर की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गत दिवस अधिवेशन के दौरान किया था। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया महामंडल स्तर पर लागू की गई थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है, जिससे परिवहन विभाग के १,७०० करोड़ बचाए गए हैं। एक महीने के भीतर इस मामले की जांच पूरी कर संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस दरम्यान परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि विभागवार बसें लेने की मौजूदा प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इसके बजाय सभी विभागों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक समूह में लगभग ४०० से ४५० बसों के अनुसार, सात वर्षों के लिए कुल १,३१० बसों को लीज पर लेने का निर्णय लिया गया है। अब सभी विभागों को एकीकृत निविदा प्रक्रिया के माध्यम से इन तीन समूहों के आधार पर बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।