मुख्यपृष्ठनए समाचारकुर्ला रेलवे स्टेशन ईस्ट-वेस्ट को जोड़ने वाला सबवे बना भिखारियों और गर्दुलों...

कुर्ला रेलवे स्टेशन ईस्ट-वेस्ट को जोड़ने वाला सबवे बना भिखारियों और गर्दुलों का अड्डा

-स्ट्रीट लाइट फ्यूज, जगह-जगह गंदगी और दुर्गंध का अंबार…फेरीवालों के कब्जे में पूरा सबवे

अशोक तिवारी / मुंबई

देश को सबसे ज्यादा इनकम टैक्स देने वाले मुंबई शहर के आम नागरिकों को सुविधा के नाम पर क्या मिलता है। इसका अंदाजा कुर्ला रेलवे स्टेशन ईस्ट से वेस्ट को जोड़ने वाले सबवे को देखकर लगाया जा सकता है। बता दें कि करीब 40 वर्षों की लंबी मांग के बाद इस सबवे का निर्माण किया गया था। कुर्ला-पश्चिम के गणपति मंदिर से कुर्ला-ईस्ट को जोड़ने वाले इस सबवे में गणपति मंदिर की तरफ से सीधी उतरने वाली सारी लाइट फ्यूज हैं, जिसकी वजह से अंधेरे में यात्रियों को उतरना पड़ता है। जिसका फायदा उठाकर मनचले और नशेड़ी महिलाओं से छेड़छाड़ तथा चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक महिला यात्री ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी एक सहेली के साथ अंधेरे का फायदा उठाकर छेड़छाड़ हुई थी। तब से वह सब ने इस सबवे का उपयोग करना ही बंद कर दिया है। सबवे के नीचे रास्ते पर बड़ी संख्या में फेरीवालों ने अपना सामान रखकर पूरे जगह पर कब्जा कर लिया है, जिसकी वजह से नागरिकों को पैदल चलने के लिए बहुत थोड़ी जगह मिलती है। इस बची हुई जगह पर अधिकांश गर्दुल्ले और भिखारी बैठे रहते हैं। जगह-जगह पर पानी गुटखा और तंबाकू खाकर थूकने की वजह से पूरा सबवे न सिर्फ गंदा हो गया है, बल्कि उससे बहुत ही बुरी दुर्गंध पूरे सबवे में फैली हुई है। सूत्रों का दावा है कि इस इलाके में महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले और पॉकेटमारी तथा चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग ही लाइट के बल्ब को निकाल लेते हैं, ताकि अंधेरा होने का फायदा उठाकर वह अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सकें। जो भी नागरिक इस सबवे से एक बार गुजर जाता है तो वह दोबारा वहां से जाने से परहेज करता है।
सबवे की दयनीय हालत को देखकर लगता है कि यह देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर का नहीं, बल्कि किसी दूर-दराज के गांवों के अति पिछड़ा क्षेत्र का नजारा है। इस संदर्भ में प्रतिक्रिया लेने के लिए `दोपहर का सामना’ के संवाददाता ने एल वॉर्ड के सहायक आयुक्त धनजी हरलेकर से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

अन्य समाचार